डीएम ने किया लोक शिकायत के 17 मामलों की सुनवाई तथा समाधान
लोक शिकायत निवारण में लापरवाही के कारण बिहटा के अंचल अधिकारी के विरूद्ध पाँच हजार रूपया का डीएम द्वारा लगाया गया दंड

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहेंः डीएम
जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में परिवादों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में एक लोक प्राधिकार के विरूद्ध अर्थदंड लगाया गया। अंचल अधिकारी, बिहटा के विरूद्ध पाँच हजार रूपया का दंड लगाया गया।
डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत के कुल 17 मामलों की सुनवाई की गई एवं उसका समाधान किया गया।
दरअसल अपीलार्थी श्री सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह, ग्राम-बभनलई, पोस्ट-लई, अंचल-बिहटा द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष द्वितीय अपील में परिवाद दायर किया गया था। अपीलार्थी की शिकायत ऑनलाईन परिमार्जन के माध्यम से जमाबंदी पुनर्गठन के संबंध में है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, बिहटा द्वारा लोक शिकायत के निवारण हेतु कोई ईमानदार एवं सार्थक प्रयास नहीं किया गया है। उनका प्रतिवेदन भी संतोषजनक नहीं है। अंचल अधिकारी द्वारा परिवादी से लिखित में वंशावली की भी मांग नहीं की गई है। अप्रैल महीने से ही परिवादी को अंचल में दौड़ाया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी अधिकारी का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। लोक प्राधिकार के इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि यह उनकी स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। जिलाधिकारी द्वारा इन आरोपों के कारण लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, बिहटा के विरूद्ध 5,000 रूपये का अर्थदंड लगाया गया। साथ ही उन्हें एक माह के अंदर परिवादी के शिकायत का नियमानुसार समाधान करते हुए प्रतिवेदन समर्पित करने का निदेश दिया गया। जिलाधिकारी द्वारा अंचल अधिकारी से इस आशय का भी स्पष्टीकरण समर्पित करने का निदेश दिया गया कि जमाबंदी पंजी कैसे फटी। साथ ही जमाबंदी फारने वाले के विरूद्ध जिम्मेदारी तय करते हुए उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निदेश दिया गया। जिलाधिकारी द्वारा कृत कार्रवाई प्रतिवेदन (एटीआर) के साथ सुनवाई की अगली तिथि 22 सितम्बर को लोक प्राधिकार को सुनवाई में उपस्थित रहने का निदेश दिया गया।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें।