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किशनगंज : जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में मना विश्व श्रवण दिवस।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, आज कल हर तरफ किसी न किसी मशीन, गाड़ी या डीजे पर चल रहे गाने की तेज ध्वनि सुनी जा सकती है, जो लोगों के सुनने की क्षमता को कम कर रहा है। बच्चे ध्वनि और शब्दों को सुनकर बोलना और समझना सीखते हैं। जो बच्चा इन ध्वनियों को नहीं सुन सकता, वह इनका आनंद नहीं ले सकता। इससे बात करना, पढ़ना, स्कूल में अच्छा करना और अन्य लोगों के साथ मिलना मुश्किल हो सकता है। अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को सुनने में परेशानी है, तो आपको उनकी जांच करानी चाहिए। हर साल 3 मार्च को दुनिया भर के लोग बहरेपन और सुनने की हानि को रोकने और कान और सुनने की देखभाल का समर्थन करने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व श्रवण दिवस मनाते हैं। हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा थीम का चयन किया जाता है। इस वर्ष का थीम है “सभी के लिए कान और श्रवण देखभाल!” आइए इसे होने दें। हम कान और सुनने की देखभाल की दिशा में एक कदम उठा रहे हैं, जो एकीकृत और व्यक्ति पर केंद्रित है। इसी क्रम में लोगों को बहरेपन की जानकारी देने एवं ध्वनि तरंगों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से जिले में शुक्रवार को सिविल सर्जन कार्यालय सहित सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विश्व श्रवण दिवस मनाया गया। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि विश्व श्रवण दिवस का उद्देश्य श्रवण हानि का जल्द पता लगाना और उसका इलाज करना महत्वपूर्ण है। बहुत से लोगों को सुनने में परेशानी होती है। जिसका निदान नहीं किया गया है, इसलिए वे नहीं जानते कि वे महत्वपूर्ण ध्वनियों और शब्दों को खो रहे हैं। समस्या को हल करने के लिए पहली बात यह जांचना है कि आप कितनी अच्छी तरह सुन सकते हैं। विश्व श्रवण दिवस का लक्ष्य श्रवण हानि के बारे में जागरूकता बढ़ाना और दुनिया भर के लोगों को इसे रोकने के लिए कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करना है। मौजूदा मामलों की जांच करना और नए मामलों को होने से रोकना महत्वपूर्ण है।एसीएमओ डॉ सुरेश प्रसाद ने बताया कि अच्छा श्रवण स्वास्थ्य होना आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यह हमारे दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह हमें अन्य लोगों से बात करने में मदद करता। वे जो कहते हैं, उसे समझते और हमारे आस-पास की आवाज़ों का आनंद लेते हैं। अच्छी सुनवाई के बिना, दोस्त बनाना, स्कूल में सीखना या अच्छा काम करना मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा, श्रवण हानि से अवसाद, चिंता और अकेले महसूस करने जैसी भावनात्मक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। जिन लोगों को सुनने में परेशानी होती, उनमें से अधिकांश के पास उपचार तक पहुंच नहीं है। श्रवण हानि को रोका जा सकता और कुछ सरल कदम उठाकर अच्छे श्रवण स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है।

  • तेज आवाज के संपर्क में आने से बचें।
  • तेज आवाज वाले वातावरण से नियमित ब्रेक लें।
  • कान की अच्छी स्वच्छता बनाए रखें।
  • अपनी सुनवाई की अक्सर जाँच करें।
  • ओपीडी में आने वाले मरीज़ों को सुनने की समस्या के लक्षणों की जानकारी दी गयी।
  • ईयरप्लग या हेडफ़ोन का उपयोग करें जो शोर को रोकते हैं।

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि कार्यक्रम के तहत ओपीडी में आने वाले मरीज़ों को सुनने की समस्या के लक्षणों की जानकारी देने के साथ ही बहरेपन से रोकथाम की भी जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया की विश्व श्रवण दिवस हमें याद दिलाता है कि हमें अपने श्रवण स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। यदि हमें सुनने में परेशानी होती है तो सहायता प्राप्त करें। अच्छा श्रवण स्वास्थ्य कितना महत्वपूर्ण है और श्रवण हानि को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है, इस बारे में बात करके हम एक ऐसी दुनिया की ओर काम कर सकते हैं जहाँ हर कोई अच्छी सुनवाई के लाभों का आनंद ले सके। कान की नियमित जांच और आवश्यकता पड़ने पर उपचार से श्रवण स्वास्थ्य को अच्छी स्थिति में रखा जा सकता है। इससे हम अच्छी तरह से संवाद कर पाते हैं। अपने आस-पास की ध्वनियों का आनंद ले सकते और एक पूर्ण और सुखी जीवन जी सकते हैं।

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