ब्रेकिंग न्यूज़राज्य

डीएम ने की विकास कार्यक्रमों की समीक्षा।।..

 

सरकार के विकासात्मक एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं का गुणवत्तापूर्ण तथा समयबद्ध* तरीके से क्रियान्वयन करने का डीएम ने दिया निर्देश

पदाधिकारीगण *अंतर्विभागीय समन्वय* सुनिश्चित करें: डीएम

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:- जिलाधिकारी, पटना डाॅ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में *जिला विकास समन्वय समिति* की बैठक हुई। इसमें विभिन्न विभागों यथा ग्रामीण विकास, कल्याण, पंचायती राज, आईसीडीएस, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, अल्पसंख्यक कल्याण, श्रम, जीविका, पथ निर्माण, विद्युत, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, नगर विकास, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन, मत्स्य, जल संसाधन, कृषि, सामाजिक सुरक्षा, समाज कल्याण सहित अन्य विभागों के कार्यों की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया।

डीएम डाॅ. सिंह ने कहा कि *सरकार के लोक कल्याणकारी एवं विकासात्मक योजनाओं का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।* सभी पदाधिकारी इसके लिए *सजग एवं तत्पर* रहें। आवश्यकतानुसार *अन्तर्विभागीय समन्वय* सुनिश्चित कर योजनाओं को *ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण* ढंग से पूरा करें। *विकसित बिहार के सात निश्चय एवं अत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय* के तहत योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाएँ। भूमि उपलब्धता हेतु अपर समाहर्ता के साथ समन्वय करें। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, एएनएम स्कूल, सामुदायिक भवन-सह-वर्कशेड, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के शौक्षणिक उत्थान के लिए विद्यालय भवनों का निर्माण, पोलिटेक्निक संस्थान, नर्सिंग काॅलेज, पोलिटेक्निक संस्थानों में सेन्टर आॅफ एक्ससिलेंस की स्थापना सहित अन्य सभी मामले, जिसमें जमीन खोजा जाना है, के बारे में राजस्व विभाग के पदाधिकारियों से समन्वय कर तेजी लाएँ। जो भी योजनाएँ प्रगति पर हैं उसे ससमय पूर्ण करें।

जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना अंतर्गत कुल लक्ष्य 1,271 के विरुद्ध लाभुकों की संख्या 1,209 है। 627 उत्पादन इकाइयों को संचालित किया जा रहा है। डीएम डाॅ. सिंह ने महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र को निदेश दिया कि मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का विभाग के निर्देशों के अनुरूप बेहतर ढंग से क्रियान्वयन करें। लक्ष्य के अनुरूप प्रगति लाएँ। लाभुकों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किस्त का भुगतान नियमानुसार ससमय करें।

जिलाधिकारी ने मत्स्य संसाधन के विकास कार्यक्रमों की समीक्षा की। पटना जिला में वर्तमान वित्तीय वर्ष में 20.80 हजार मेट्रिक टन मत्स्य उत्पादन हुआ है। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि पटना जिले में मत्स्य उत्पादन में है काफी अच्छा काम हो रहा है। प्रशासन द्वारा मत्स्य पालकों को सभी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत कुल प्राप्त 9,536 आवेदनों में 9,515 लाभुकों को भुगतान प्राप्त हो गया है। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना अंतर्गत समाज कल्याण विभाग द्वारा 0 से 1 वर्ष जन्म पंजीकरण होने पर ₹2000 के भुगतान में कुल लक्ष्य 15783 के विरुद्ध अद्यतन उपलब्धि 16719 है जो लक्ष्य का 106% है। 1 से 2 वर्ष आधार पंजीकरण होने पर ₹1000 राशि के भुगतान मामले में 5481 नए लाभुकों का आधार पंजीकरण किया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2 वर्ष पूर्ण संपूर्ण टीकाकरण होने पर ₹2000 भुगतान कार्यक्रम में 4478 को भुगतान किया गया है। डीएम डॉ सिंह ने शेष आवेदनों को भी नियमानुसार तेजी से निष्पादित करने का निर्देश दिया।

मुस्लिम परित्यक्ता/तलाकशुदा महिला सहायता योजना अंतर्गत 70 आवेदन प्राप्त हुआ जिसमें से शत-प्रतिशत को ₹17.50 लाख का अनुदान वितरण कर दिया गया है। मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक छात्रावास योजना अंतर्गत 4 छात्रावास निर्माण का लक्ष्य है जिसमें तीन पूर्ण एवं एक निर्माणाधीन है। कुल आवासितों की संख्या 261 है। छात्रावास में नामांकन की सतत प्रक्रिया पटना विश्वविद्यालय/ मदरसा इस्लामिया शमशुल होदा द्वारा की जाती है। पटना साइंस कॉलेज के सामने मदरसा इस्लामिया शमशुल होदा के पास बारी पथ में एक नया छात्रावास निर्माणाधीन है जिसे मार्च, 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक छात्रावास अनुदान योजना अंतर्गत प्रतिमाह ₹1000 का छात्रावास अनुदान दिया जाता है। इसमें कुल लक्ष्य 261 के विरुद्ध शत-प्रतिशत के बीच ₹2,61,000 की राशि वितरित की गई है। आवासित सभी छात्र-छात्राओं को जनवरी, 2023 तक की अनुदान राशि का भुगतान कर दिया गया है। डीएम डॉ सिंह ने सरकार के निर्देशानुसार अल्पसंख्यक कल्याण संबंधी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन करने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी डॉ सिंह ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के शैक्षणिक उत्थान के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की‌। अनुसूचित जाति के लिए आवासीय विद्यालयों में 1,477 आवासित हैं। सभी में जीविका दीदी की रसोई प्रारंभ हो गई है। मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/ जनजाति छात्रावास अनुदान योजना अंतर्गत प्रतिमाह ₹1000 का छात्रावास अनुदान दिया जाता है। मुफ्त खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। पटना जिले में 630 विद्यार्थियों के बीच ₹6,30,000 की राशि का वितरण किया गया है। मुख्यमंत्री छात्रावास अनुदान एवं छात्रावास खाद्यान्न आपूर्ति योजना अंतर्गत जनवरी, 2023 तक लाभ दिया जा चुका है। प्रत्येक छात्र को 9 किलोग्राम चावल एवं 6 किलोग्राम गेहूं अर्थात 15 किलोग्राम खाद्यान्न प्रतिमाह दिया जाता है। नई रिक्ति के विरूद्ध नामांकन प्रक्रिया दिन है। फरवरी माह में नामांकन प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी। सामुदायिक भवन-सह-वर्क शेड योजना अंतर्गत कुल निर्धारित लक्ष्य 143 में से 94 का निर्माण कार्य पूर्ण है। डीएम डॉ सिंह ने शेष 49 सामुदायिक भवन-सह-वर्क शेड के निर्माण हेतु जिला कल्याण पदाधिकारी को त्वरित गति से कार्य करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग छात्रावास अनुदान योजना अंतर्गत प्रतिमाह ₹1000 का छात्रावास अनुदान दिया जाता है। मुफ्त खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। पटना जिले में निर्धारित लक्ष्य 200 के विरुद्ध शत-प्रतिशत 200 विद्यार्थियों के बीच ₹2,00,000 की राशि एवं खाद्यान्न का वितरण किया गया है। मुख्यमंत्री छात्रावास अनुदान एवं छात्रावास खाद्यान्न आपूर्ति योजना अंतर्गत जनवरी, 2023 तक लाभ दिया जा चुका है। अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावास योजना (पिछड़ा एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए) अंतर्गत कल्याण छात्रावास में आवासन क्षमता 100 के अनुसार शत प्रतिशत आवासित हैं। जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास योजना (अति पिछड़ा वर्ग के लिए) अंतर्गत कल्याण छात्रावास में आवासन क्षमता 100 के अनुसार शत प्रतिशत आवासित हैं।

डीएम डॉ सिंह ने अधिकारियों एवं अभियंताओं को सात निश्चय के तहत जिले में निर्माण किए जा रहे भवनों, पॉलिटेक्निक संस्थानों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों एवं अन्य को ससमय पूर्ण करने का निदेश दिया। उन्होंने पॉलिटेक्निक संस्थानों एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का सरकार के निर्देशों के अनुरूप संचालन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर लैब, वर्कशॉप एवं हार्डवेयर लैब की स्थिति अच्छी रहनी चाहिए। इंटरनेट ऑफ थिंग्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे पाठ्यक्रमों में छात्रों को अध्ययन की अच्छी सुविधा रहनी चाहिए।

सिविल सर्जन द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि टेलीमेडिसिन के माध्यम से 1,16,007 मरीजों को परामर्श उपलब्ध कराया गया है। डीएम डॉ सिंह ने इसका नियमित अनुश्रवण करने का निर्देश दिया।

डीएम डाॅ. सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेश दिया कि उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं को प्रोत्साहित करने की योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करें। मुख्यमंत्री बालिका (इंटरमीडिएट) प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना सहित शिक्षा विभाग की सभी योजनाओं का लाभ प्रावधानों के अनुसार छात्र-छात्राओं को मिले यह सुनिश्चित करें। निदेशालय के *डीबीटी कोषांग से समन्वय कर लाभुकों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान सुनिश्चित कराएँ।*

डीएम डाॅ. सिंह ने जिला पंचायत राज पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी तथा नगर निकायों के पदाधिकारियों को निदेश दिया कि नये घरों में सतत प्रक्रिया के तहत नल-जल सम्पर्कता उपलब्ध कराएँ। साथ ही नये बसावटों तक सतत प्रक्रिया के तहत गली-नाली की सम्पर्कता उपलब्ध कराएँ।

डीएम डाॅ. सिंह ने प्रबंधक, डीआरसीसी को निदेश दिया कि *‘‘आर्थिक हल, युवाओं को बल’’* अंतर्गत बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता योजना तथा कुशल युवा कार्यक्रम का लाभ प्रावधानों के अनुसार युवाओं को मिले, यह सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत 6,411 आवेदन प्राप्त हुआ है जिसमें 4,792 को स्वीकृति प्रदान की गई है एवं 1,329 को अर्हता पूरी नहीं करने कारण अस्वीकृत किया गया है। मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना अंतर्गत कुल 2,169 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें 3 को अस्वीकृत एवं 2166 को स्वीकृत किया गया। पुराने आवेदनों सहित 3,338 युवाओं के बीच 8.04 करोड़ रुपया की राशि का भत्ता भुगतान किया गया। कुशल युवा कार्यक्रम अंतर्गत 17,610 आवेदकों को प्रशिक्षित किया गया तथा 3,741 युवा अभी प्रशिक्षणरत हैं। पटना जिला में कुल 89 कौशल विकास केंद्र संचालित हैं। डीएम डॉ सिंह ने निर्देश दिया कि लक्ष्य के अनुसार उपलब्धि सुनिश्चित करें, लंबित आवेदनों का त्वरित गति से निष्पादन करें तथा युवाओं तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाएं।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जीविका द्वारा जिलाधिकारी डॉ सिंह के संज्ञान में लाया गया कि *पटना जिला में कुल लक्ष्य 38,632 के विरुद्ध 38,292 स्वयं सहायता समूह गठित हैं जिससे जुड़े एवं लाभान्वित महिला सदस्यों की कुल संख्या 4,57,589 है।* 154 उत्पादक समूहों का गठन किया गया है जो निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध शत-प्रतिशत उपलब्धि है। सभी उत्पादक समूह क्रियाशील हैं। बैंक से संबद्ध स्वयं सहायता समूह की संख्या 37229 है। नए गठित समूहों की बैंक से संबद्धता प्रक्रियाधीन है। डीएम डॉ सिंह ने जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जीविका को *समूह की गतिविधियों यथा कृषि कार्य, पशुपालन कार्य इत्यादि पर विशेष ध्यान देने तथा लक्ष्य के विरुद्ध शेष बचे समूहों का गठन मार्च, 2023 तक पूरा कर लेने का निर्देश दिया।* जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि कृषि कार्य में संलग्न सदस्यों की संख्या 2,24,448; पशुपालन कार्य में संलग्न सदस्यों की संख्या 92,982 एवं अन्य कार्यों में लगे सदस्यों की संख्या 1,40,159 है। जिलाधिकारी द्वारा इस पर प्रसन्नता व्यक्त की गई एवं इसमें नियमित तौर पर प्रगति लाने का निर्देश दिया गया।

डीएम डाॅ. सिंह ने उप विकास आयुक्त को सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रगति का अनुश्रवण करने का निदेश दिया।

डीएम डाॅ. सिंह ने कहा कि जनहित के मामलों में सभी पदाधिकारी सजग एवं तत्पर रहें।

इस बैठक में उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, अपर समाहर्ता, अपर समाहर्ता आपूर्ति, विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, श्रम अधीक्षक, जिला कार्यक्रम प्रबंधक जीविका, तकनीकी विभागों के अभियंतागण एवं अन्य भी उपस्थित थे।

डीपीआरओ, पटना

Related Articles

Back to top button