किशनगंज : ज़िले का पांचवा फाइलेरिया क्लिनिक पीएचसी किशनगंज में हुआ शुरू, स्थानीय मरीजों को होगी सहूलियत।

फाइलेरिया बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए फ़िल्म अभिनेता द्वारा दिया गया संदेश: सिविल सर्जन
- परजीवी क्यूलैक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के काटने से फैलता है फाइलेरिया: डॉ मंजर आलम
- सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक फाइलेरिया क्लिनिक रहेगा कार्यरत: एमओआईसी
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, राज्य को फाइलेरिया बीमारी से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से ज़िले का पांचवा फाइलेरिया क्लिनिक (एमएमडीपी) किशनगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में शुरू हुआ। जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम , स्थानीय पीएचसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ के के कश्यप एवं वीबीडी सलाहकार अविनाश राय ने संयुक्त रूप से इसका उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह के दौरान दर्जनों मरीज़ों को एमएमडीपी किट प्रदान किया गया। इस अवसर पर बीएचएम अजय साह, बीसीएम, एएनएम, आशा कार्यकर्ता सहित दर्जनों फाइलेरिया मरीज उपस्थित थे। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि ज़िले के फाइलेरिया मरीजों को बेहतर सुविधाएं एवं क्लीनिकल ट्रीटमेंट उपलब्ध कराने को लेकर राज्य सरकार द्वारा सदर अस्पताल सहित ज़िले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मार्डीबिलिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी (एमएमडीपी) प्रीवेंशन क्लिनिक खोलने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया था। इसके आलोक में ज़िले में अब तक पांच प्रखंड में क्लीनिक खोला जा चुका है इसके बाद ज़िले के सभी अस्पतालों में जल्द ही फाइलेरिया क्लिनिक खोला जाएगा। एमडीए कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोगों को नि:शुल्क दवा का सेवन करने के उद्देश्य से बिहार के प्रसिद्ध अभिनेता मनोज वाजपेयी के द्वारा वीडियो बनाया गया है। ताकि फाइलेरिया बीमारी के प्रति आम जनमानस को जागरूक किया जा सके।जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि फाइलेरिया (हाथीपांव) मरीजों की देखभाल के लिए पीएचसी किशनगंज के ओपीडी में ज़िले का पांचवा रुग्णता प्रबंधन एवं विकलांगता रोकथाम (एमएमडीपी) फाइलेरिया क्लिनिक का शुभारंभ किया गया है। जिसके माध्यम से फाइलेरिया से बचाव, उपचार तथा लक्षणों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही एमडीए कार्यक्रम के तहत दवा सेवन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। परजीवी क्यूलैक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के काटने से फाइलेरिया बीमारी फैलता है। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर यह मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के विषाणु रक्त के माध्यम से उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं। लेकिन ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चल पाता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ के के कश्यप ने बताया कि फाइलेरिया क्लिनिक का उद्घाटन होने से स्थानीय मरीजों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने में कोई परेशानी नहीं होगी। हालांकि पहले भी दवा दिया जाता था लेकिन क्लिनिक नहीं होने से थोड़ी परेशानी होती थी। लेकिन अब यहां के मरीजों को किसी तरह की कोई असुविधा नहीं होगी। फाइलेरिया क्लिनिक का संचालन प्रतिदिन सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक होगा। इसमें हाथीपांव के मरीज सलाह, उपचार एवं सफाई को लेकर प्रतिनियुक्त प्रशिक्षित स्टाफ़ नर्स से जानकारी ले सकते हैं।