District Adminstrationब्रेकिंग न्यूज़राज्यस्वास्थ्य

किशनगंज : जिले में सभी स्वास्थ्य उपकेन्द्र में बैठक आयोजित कर नियमित टीकाकरण के लिए दिया गया निर्देश।

निमोनिया से बचाव के लिए संपूर्ण टीकाकरण व सतर्कता जरुरी।

  • बच्चों में बदलते मौसम में निमोनिया संक्रमण का खतरा अधिक।
  • पीसीवी का टीकाकरण निमोनिया से बचाव के लिये जरूर।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले प्रतिदिन मौसम में बदलाव हो रहे है, सर्दी का मौसम शुरू होते ही जुकाम और खांसी से जुड़ी बीमारियों के बढ़ने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। आमतौर पर हम जुकाम और खांसी से तो ठीक हो जाते हैं लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जो सर्दी में अपना प्रकोप ज्यादा दिखाती हैं। उन्हीं में से एक नाम है निमोनिया संक्रमण। ऐसे बदलते मौसम में बच्चों को निमोनिया के खतरे से बचाने के लिये विशेष तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है। गौरतलब है कि बच्चे व बुजुर्गों में रोग-प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है। इससे वे आसानी से किसी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। निमोनिया सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। संक्रमण की वजह से बच्चे व बुजुर्गों को सांस लेने से जुड़ी तकलीफ होती है। बीमारी से बचाव के लिये पीसीवी का वैक्सीन ही एकमात्र उपलब्ध विकल्प है। डीएम श्रीकांत शास्त्री के निर्देशानुशार जिले में निमोनिया रोग के खतरे व बचाव संबंधी उपायों के प्रति समुदाय में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से शनिवार को जिले के सभी उपस्वास्थ्य केंद्र में बैठक कर आशा, एएनएम् एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से समुदाय को रोग के प्रति जागरूक करने को लेकर विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जो अधिकतर बच्चो में होती है और इससे दुनियाभर में हर साल हज़ारों बच्चों की मृत्यु भी हो जाती है। हालांकि व्यस्क और वृद्धजनों को भी निमोनिया हो सकता है। निमोनिया होने का अधिक खतरा 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों और 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा रहता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसकी समय पर पहचान और उपचार नहीं हो तो यह जानलेवा भी हो सकती है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि निमोनिया के प्रारंभिक लक्षण सर्दी-खांसी जैसे ही होते हैं। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग आसानी से इसकी चपेट में आ जाते हैं। वैसे बच्चे जिन्हें पीसीवी का टीका नहीं पड़ा है। वैसे बच्चों के बीमारी से प्रभावित होने की आशंका ज्यादा होती है। इस बीमारी में मवाद वाली खांसी, तेज बुखार एवं सीने में दर्द समेत अन्य परेशानी होती है। इस बीमारी को केवल टीकाकरण से ही रोका जा सकता है। इसलिए संपूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चों को पीसीवी का टीका अवश्य लगाने की सलाह उन्होंने दी। उन्होंने कहा कि बच्चे को जन्म के बाद दो साल के अंदर सभी टीका जरूर लगाना चाहिये। इससे बच्चे की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। साथ ही इससे 12 से अधिक प्रकार के रोगों से बच्चों का बचाव होता है। एसीएम्ओ डॉ सुरेश प्रशाद ने बताया कि निमोनिया से बचाव का एक मात्र उपाय टीकाकरण है। नवजात एवं छोटे बच्चों का रखरखाव, खान-पान व कपड़े पहनाने में सावधानी बरतने की जरूरत होती है। सर्दी के मौसम में हमेशा बच्चों को गर्म कपड़े पहनाने व खाने-पीने में गर्म पदार्थो का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही वैसे लोगों के संपर्क से दूर रखने की आवश्यकता है, जिन्हें पहले से सांस संबंधी बीमारी हो। इसके साथ बुजुर्गों सहित अन्य लोगों को भी काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। निमोनिया का प्रारंभिक लक्षण बुखार के साथ पसीना व कंपकपी होना, अत्यधिक खांसी मेंगाढ़ा, पीला, भूरा या खून के अंश वाला बलगम आना, तेज-तेज और कम गहरी सांस लेने केसाथ सांस का फूलना (जैसे कि सांस लेने के दौरान आवाज होना) होंठ या अंगुलियों के नाखून नीले दिखाई देना, बच्चों की परेशानी व उत्तेजना बढ़ जाना।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button