यहां के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड में पुलिस ने शुक्रवार को भाजपा विधायक संजीव सिंह के करीबी प्रताप सिंह और महंत पांडेय को अरेस्ट कर लिया है।गया प्रताप सिंह और महंत पांडेय दोनों ही विधायक संजीव सिंह के साथ नीरज हत्याकांड के आरोपी हैं।आपको बताते चले की गया प्रताप सिंह यूपी से कोयले की चमक ने इसे धनबाद की ओर खींच लाया।कंधे पर तौलिया लटकाकर इसे कोयला खानों में अक्सर देखा जाता था।कोयला चोरी में इसने खूब पैसा कमाया।इसके बाद इसने राजनीति में आने का मन बनाया।गया ने
झारखंड के पहले सीएम रहे बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा ज्वाइन कर लिया।इससे उसका कोयला कारोबार में कद बढ़ गया।इसके बाद गया सिंह ने मजदूर यूनियन भी ज्वाइन कर लिया।कोयला खानों में मजदूरों की राजनीति खूब होती है।गया सिंह ने भी खुद को मजदूरों का मसीहा दिखाना चाहा।यहां के शिमला बहाल में एक आउटसोर्सिंग कंपनी आई थी, जिसका गया सिंह
ने अपनी दबंगई से काम ही शुरू होने नहीं दिया।कंपनी को मजबूरन वापस जाना पड़ा।कोयला खदानों में लोडिंग प्वाइंट में वर्चस्व को लेकर गोलीबारी में एक बार गया सिंह घायल भी हुआ था।वर्ष 2013 की यह घटना थी।उसमें इसे बहुत मार भी पड़ी थी।वासेपुर के गैंग्स ने इनकी जमकर पिटाई की थी।अब गया सिंह का यहां कद इतना बढ़ गया था कि विधायक संजीव सिंह और उनके चचेरे भाई
धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह,दोनों इनके मुरीद हो गए थे।दोनों की चाहत थी कि गया सिंह उनके साथ आ जाए।ऐसे में गया सिंह ने भाजपा ज्वाइन कर लिया और विधायक संजीव सिंह के गुट में शामिल हो गया।इसके बाद वो विधायक के साथ साए की तरह रहने लगा।विधायक के कार्यक्रमों से पहले गया सिंह वहां पहुंच जाया करता था।गया के आने का मतलब हो जाता था कि यहां अब
विधायक आने वाले हैं।गया सिंह पर गोली चलाने और कोयला चोरी के कई मामले थानों में दर्ज हुए।धनबाद के सिटी एसपी अंशुमान कुमार के नेतृत्व में पुलिस की विशेष टीम शुक्रवार रात 10 बजे शिमला बहाल स्थित गया प्रताप सिंह के आवास पहुंची।टीम ने छापेमारी कर गया सिंह को गिरफ्तार कर लिया।पुलिस उन्हें सीधे एसएसपी आवास ले आई, जहां उनसे पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ की।पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह मर्डर के दूसरे आरोपी महंत पांडेय को भी पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया और गिरफ्तार कर लिया।महंत पांडेय से भी धनबाद एसएसपी ऑफिस में पूछताछ की गई।महंत पांडेय भाजपा विधायक संजीव सिंह के पॉलिटिकल एडवाइजर हैं।उनकी प्रशासनिक अधिकारियों में अच्छी पकड़ बताई जाती है।एक तरह से वो भाजपा विधायक के आवास सिंह मेंशन के लाइजनिंग ऑफिसर का काम भी देखते हैं।उनपर कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।