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प्रौद्योगिकी समर्थित विकास – शिव कुमार मिस्र

भारत में बहुसंख्यक आबादी अब भी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है लिहाजा ग्रामीण विकास को भारत की प्रगति की कहानी का पर्याय माना जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हमेशा से हमारी प्राथमिकता में रहा है डिजिटलीकरण की शुरुआत के बाद ग्रामीण क्षेत्र समावेशी और संवहनीय विकास के दौर से गुजर रहे हैं। जन धन योजना जैसी योजनाएं ग्रामीण भारत में अत्यंत सफल रही हैं। कृषि की गतिविधियों का आधुनिकीकरण हो रहा है और इनमें पर्यावरण के अनुकूल तौर तरीके अपनाए जा रहे हैं। प्रौद्योगिकी से ग्रामीण विकास को बल मिला है।
प्रौद्योगिकी समर्थित ग्रामीण विकास के लिए सरकारी योजनाएं:-
1. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन(तारा) – इस योजना को कौशल संवर्धन शिक्षा और विकास कार्यक्रम के तहत चलाया गया है ग्रामीण और अन्य पिछड़े क्षेत्रों में विज्ञान आधारित स्वयंसेवी संगठनों और क्षेत्रीय संस्थाओं को दीर्घकालिक बुनियादी समर्थन मुहैया कराने में इसकी अहम भूमिका है। यह योजना इन संस्थाओं को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी भवन केंद्रों और सक्रिय क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं के तौर पर बढ़ावा देती और पारितोषिक करती है ताकि यह आजीविका सृजन और सामाजिक लाभ के लिए प्रौद्योगिकीए समाधान और प्रौद्योगिकियों की प्रभावी डिलीवरी मुहैया करा सकें।
2. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन – इसका उद्देश्य भारत की समेकित डिजिटल स्वास्थ्य सेवा अवसंरचना के लिए जरूरी ढांचे का विकास है। यह स्वास्थ्य सेवा उद्योग में विभिन्न पक्षों के बीच दूरी को खत्म करने के लिए डिजिटल हाईवे का इस्तेमाल करती है।
3. आयुष्मान भारत स्वच्छ खाता (आभा) – इसके जरिए भागीदार स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच सुरक्षित और ज्यादा प्रभावी ढंग से डिजिटल स्वास्थ्य कार्ड का आदान प्रदान किया जा सकता है। एबीडीएम में शामिल होने और डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड रखने के इच्छुक भी व्यक्ति को सबसे पहले अपना आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता बनाना होगा। व्यक्ति की पहचान और प्रमाणन के बाद उसकी सहमति से ही उसके स्वास्थ्य कार्ड को विभिन्न प्रणालियों और हित धारकों को मुहैया कराया जाता है।
4.ई श्रम – इस प्लेटफार्म को श्रम और रोजगार मंत्रालय ने उन असंगठित कामगारों के लाभ के लिए बनाया है। जो कर्मचारी राज्य बीमा निगम या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सदस्य नहीं हैं श्रमिक योजना में शामिल होने और ई श्रम कार्ड हासिल करने के अनेक लाभ हैं इसके जरिए सरकार के सामाजिक सुरक्षा के उपायों से कामगारों की मदद की जाती है।
5. राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क – सभी राज्यों में राजधानियों जिला मुख्यालयों और प्रखंड स्तर तक ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी मुहैया कराई गई है। यह काम भारत संचार निगम लिमिटेड रेलटेल और पावर ग्रिड जैसे सार्वजनिक उपक्रमों के फाइबर ओके उपयोग से किया जा रहा है।
6. सार्वजनिक सेवा केंद्र – या डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत मिशन के तौर पर चलाई जा रही एक परियोजना है सीएससी आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं के लिए पहुंच के बिंदु के तौर पर काम करता है गांवों और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले नागरिक इसके जरिए समाज कल्याण स्वास्थ्य वित्त शिक्षा कृषि और व्यवसाय से संबंधित कार्यक्रमों और उपभोक्ता सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। इसको देशव्यापी नेटवर्क क्षेत्रीय भौगोलिक भाषाई और सांस्कृतिक विविधताओं की जरूरतों को पूरा करता है।
7. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम – यह देश को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था और डिजिटल तौर पर सशक्त समाज में बदलने के लिए प्रमुख पहल है। इसमें तीन आवश्यक क्षेत्र सभी नागरिकों के लिए उपयोगिता के रूप में डिजिटल अवसंरचना मांग पर सेवाएं तथा डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से नागरिकों का सशक्तिकरण शामिल हैं।
8. डिजिटल इंडिया भूमिका रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम किस केंद्रीय योजना का उद्देश्य से जमीन के रिकार्डों की मौजूदा समानता ओं का इस्तेमाल कर एक शाम उचित है। समेकित भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली विकसित करना है इसमें विभिन्न राज्य अपनी विशेष आवश्यकताओं को भी जोड़ सकते हैं।

शिव ‌कुमार मिश्रा (पलामू भाजपा)

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