शारदीय नवरात्र 26 सितंबर सोमवार से

*शारदीय नवरात्र 2022 पूजन विधि एवं शुभ मुहूर्त :-*
*आचार्य राधाकान्त शास्त्री*
*इस वर्ष का शारदीय नवरात्र 26 सितंबर सोमवार को हस्त नक्षत्र एवं शुक्ल तथा ब्रह्म योग में हांथी पर सवार होकर माता के आगमन के साथ प्रारंभ हो रहा है!*
*इस दिन प्रातः स्नान आदि से पवित्र होकर पंचगव्य पान कर पूजन स्थल में प्रोक्षण कर, पूजन स्थल शुद्ध कर प्रातः काल के तुला लग्न में-*
*7:29 से 9:55 तक*
अथवा
*वृश्चिक/धनु लग्न एवं अभिजित मुहूर्त में – पूर्वाह्न 11:35 बजे से मध्याह्न 1:35 बजे तक, में अपने सुविधानुसार कलश स्थापना पूजन कर सकते हैं।*
*पूजन के लिए अपने सुविधा सामर्थ्य के अनुसार पूजन सामग्री तैयार कर लें और आसन पर बैठ कर जलपात्र में गंगा जल पुष्प हल्दी डाल कर गंगा के आवाहन, आचमन, पवित्री, त्रि गायत्री जप, भूमि शुद्धि, भूमि पूजन तिलक धारण, दीप प्रज्वलन, दिशा शुद्धि, स्वस्तिवाचन, गणेश अथर्वशीर्ष, श्री सूक्त, पुरुसुक्त का पाठ, संकल्प कर मातृ पितृ गुरु पूजन, गणेश पूजन, कर कलश स्थापित करें, इसके लिए प्रधान वेदी या माता जी के सामने भूमि पर एक पीतल के परात या बड़े थाल में घी रोली सिंदूर से स्वस्तिक बना कर ॐ श्रीं ह्लीं लिख कर उसपर पान का पत्ता सुपारी स्थापित करें और उस पर नदी की मिट्टी एवं बालू भरें। एवं मध्य में कुमकुम और जौ से अष्टदल बनाकर भूमि का पूजन कर सप्तधान्य रख कर कलश स्थापित करें, फिर कलश में जल, गंगाजल, चंदन, सर्वऔषधि, दूर्वा, पंचपल्लव, कुशा की पवित्री, सप्तमृतिका, सुपारी, पंचरत्न, द्रव्य आदि डाल कर कलश में वस्त्र लपेटें, फिर ढकना में चावल भर कर उस पर लाल वस्त्र में नारियल लपेट कर स्थापित करें, फिर वरुण देव का आवाहन पूजन करें।*
*पुनः कलश के चारो ओर 9 दुर्गा के नाम से परात में जौ बोयें एवं उनका पूजन करें, तदन्तर बेदी पर या बेदी न हो तो कलश के ऊपर ही या बगल में छोटी चौकी या पीढ़ा पर क्रमशः पंचदेवता, नवग्रह , पंचलोकपाल, पार्थिवेश्वर, शालिग्राम, दशदिक्पाल,षोडश मातृका, सप्तघृत मातृका, अन्नपूर्णा आदि की आवाहन स्थापन एवं यथा विधि पूजन करें।*
*पुनः सामने कलश के पीछे वेदी पर या चौकी पर माता जी का कलश एवं मूर्ति या फोटो स्थापित कर वेदी सहित सविध सम्पूर्ण षोडशोपचार पूजन करें। एवं आरती कर नैवेद्य प्रसाद ग्रहण करें।*
*पुनः आचार्य वरण कर या स्वयं पुस्तक एवं माला पूजन कर शापोद्धार, उत्कीलन, एवं शाप विमोचन, कवच, अर्गला, कीलक एवं रात्रि सूक्त का पाठ कर नवार्ण मंत्र जप, फिर प्रथम अध्याय से त्रयोदश अध्याय तक साधारण या सम्पुट पाठ फिर नवार्ण मंत्र जप देवी सूक्त एवं तीनों रहस्यों का पाठ कर क्षमा प्रार्थना और आरती करें, एवं सायं काल मे भी सभी देवी देवताओं का फिर से पूजन कर आरती कर नैवेद्य प्रसाद ग्रहण करें।*
*श्री माता जी की विशेष कृपा सब पर बनी रहे, सबके समस्त कष्ट, अर्थाभाव , दुख, दारिद्रयता , माता जी के आगमन से समाप्त हो, और सबका जीवन सम्पन्नता, प्रसन्नता, मधुरता, से पूर्ण होकर सम्पूर्ण रूप से मांगलिक व आनंदित हो।*
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*हरि ॐ गुरुदेव..!*
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*ज्योतिषाचार्य आचार्य राधाकान्त शास्त्री*
*🌺शुभम बिहार यज्ञ ज्योतिष आश्रम🌺*
*राजिस्टार कालोनी, पश्चिम करगहिया रोड, नजदीक:- थाना:- कालीबाग ओ.पी. बेतिया, पश्चिम चम्पारण, बिहार,*
*व्हाट्सअप एवं संपर्क:-*
*9934428775*,
*9431093636*
(अहर्निशं सेवा महे)
*आवश्यक मे कॉल से वार्तालाप समय:- सायं 4 से रात्रि 11 बजे तक।*
*!!भवेत् तावत् शुभ मंगलम्!!*