माननीय कृषि मंत्री द्वारा की गई बिहार राज्य बीज निगम समीक्षा…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद – माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार श्री सुधाकर सिंह द्वारा आज विकास भवन, नया सचिवालय, पटना अवस्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में बिहार राज्य बीज निगम की समीक्षा की गई। इस बैठक में कृषि विभाग के सचिव डाॅ॰ एन॰ सरवण कुमार, कृषि निदेशक-सह-मिशन निदेशक, बिहार राज्य बीज निगम डाॅ॰ आदित्य प्रकाश, उप निदेशक (प्रशासन)-सह-वित्त प्रमुख श्री मुकेश कुमार अग्रवाल तथा संयुक्त निदेशक (कृषि अभियंत्रण)-सह-प्रसंस्करण प्रमुख श्री रवीन्द्र कुमार वर्मा उपस्थित थे।
माननीय मंत्री को प्रबंध निदेशक द्वारा पाॅवर प्वांइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से निगम की स्थापना से लेकर अब तक के प्रगति की अद्यतन जानकारी दी गई। प्रबंध निदेशक द्वारा उन्हें निगम द्वारा बीज उत्पादन क्षेत्र में कार्यान्वित किये जा रहे मिशन 4.0 के संबंध में जानकारी दी गई। इस मिशन अन्तर्गत विभिन्न फसलांे के बीज उत्पादन निर्धारित लक्ष्य 4.00 लाख क्ंिव॰ के विरूद्ध उपलब्धि 3.06 लाख क्ंिव॰ प्राप्त कर ली गई है। अगले वर्ष तक निर्धारित बीज उत्पादन लक्ष्य को भी प्राप्त कर लेने की उम्मीद है। प्रसंस्करण के संबंध में बताया गया कि वर्तमान की प्रतिवर्ष प्रसंस्करण क्षमता 6.30 लाख क्ंिव॰ को बढ़ाकर 8 टी॰पी॰एच॰ संयत्र के स्थापित होने के उपरांत अगले माह से 8.30 लाख क्ंिव॰ प्रतिवर्ष की हो जायेगी। विगत तीन वर्षों में बीज विपणन के डीलर नेटवर्क को सुदृढ करते हुए डीलरों की संख्या 550 तक की गई है। जिन प्रखडों में निगम के डीलर नहीं है, उनसे आवेदन आॅनलाईन प्राप्त करने एवं निष्पादन की प्रक्रिया सतत् चल रही है। विभागीय योजनाओं के धान बीज लक्ष्य के अनुरूप शत्-प्रतिशत स्वयं उत्पादित धान बीज की आपूर्ति निगम द्वारा खरीफ 2022 में की गई है। वर्तमान खरीफ में निगम द्वारा 93547.00 क्ंिव॰ धान बीज की आपूर्ति की गई है, जो अब तक का अधिकतम मात्रा है। खरीफ 2022 में निगम द्वारा खुले बाजार में धान की बिक्री शुरू की गई है। करीब 400 क्ंिव॰ धान प्रमाणित बीज की बिक्री खुले बाजार में की गई है।
माननीय मंत्री कृषि को प्रबंध निदेशक द्वारा निगम के वित्तीय आय-व्यय एवं मानवबल के संबंध में भी जानकारी भी दी गई। निगम द्वारा शुरू किये गये नवीनतम कार्यों यथा बीजों की होम डिलीवरी एवं बीज बैग पर क्यू॰आर॰ कोड लगाने जिसमें बीज उत्पादन से लेकर प्रोसेसिंग सर्टिफिकेशन, पैकिंग आदि से संबंधित सूचनाएँ अंकित रहती है, के संबंध में भी जानकारी दी गई।
माननीय मंत्री द्वारा निदेश दिया गया कि प्रत्येक 6 माह पर एक बार सभी बीज उत्पादक किसानों की बैठक की जाये। निगम के बोर्ड आॅफ डायरेक्टर में निगम के बायलाॅज के अनुसार दो किसान प्रतिनिधि को सदस्य के रूप में नामित किया जाये। इसके लिए अधिसूचना निर्गत करने हेतु कार्रवाई की जाये। निगम के शेयर होल्डर किसानों से ही बीज उत्पादन कराया जाये। वैसे बीज उत्पादक किसान, जो निगम में निबंधित हैं, परन्तु शेयर होल्डर नहीं हैं, उन्हें शेयर होल्डर बनाने की कार्रवाई समय सीमा के अंदर की जाये। उन्होंने कहा कि निगम को विभिन्न फसलों के आधार बीज कृषि विभाग के बीज गुणन प्रक्षेत्रों से प्राप्त होता है। इसके गुणवत्ता के ऊपर विशेष ध्यान दिया जाये। अच्छे बीज उत्पादक किसानों का चयन कर उनको प्रजनक बीज उपलब्ध कराकर उनसे आधार बीज क्रय करने की कार्रवाई की जाय। अगले चार साल का निगम के आधार बीज की आवश्यकता के अनुरूप प्रजनक बीज का इन्डेन्ट केन्द्रीय/राज्य संस्थाओं को भेजने हेतु कार्य योजना बनाकर कार्यान्वित किया जाये। बीज उत्पादक किसानों से प्राप्त बीज का नमूना जाँच कई स्तरों पर हो रहा है, जिसमें किसानों का बीज एक स्तर पर मानक एवं दूसरे स्तर पर अमानक आ जा रहा है, जिससे किसानों से क्रय किये गये बीज के भुगतान में समस्या आ रही है। इसके निदान हेतु किसानों से क्रय किये गये बीज के नमूना जाँच से लेकर भुगतान तक की प्रक्रिया का समय सीमा निर्धारण के साथ एक एस॰ओ॰पी॰ तैयार किया जाये एवं उसके अनुसार उसको समय सीमा के अंदर कार्यान्वित किया जाये। किसानों से प्राप्त संग्रहित राॅ बीज का प्रसंस्करण उपरांत अंडरसाईज बीजों को किसानों को वापस करने हेतु समय सीमा का निर्धारण किया जाये एवं समय सीमा के अंदर किसानों को अंडरसाईज बीज वापस किया जाये, ताकि बाजार में बिक्री कर किसान को उचित मूल्य मिल सके।
उन्होंने कहा कि किसानों से प्राप्त किसी शिकायत के संबंध में प्रथम द्रष्टया वस्तुस्थिति से अवगत होने हेतु बीज उत्पादन से लेकर प्रोसेसिंग तक के साॅफ्टवेयर माड्यूल, जिसमें किसानों से प्राप्त राॅ बीज, नमूना जाँच फलाफल, प्रसंस्कृत बीज की मात्रा आदि हर तरह का डाटा रियल टाईम बेसिस के आधार पर आॅनलाईन अपलोड किया जाये एवं उसका ऐसेस डैसबोर्ड पर मुझे, सचिव कृषि एवं प्रबंध निदेशक को भी दी जाये। प्रसंस्करण के क्रम में बीजों का अंडरसाईज राॅ बीज का 10 प्रतिशत से कम एवं लाॅस 0.2 प्रतिशत के मानक से कम हो इसके लिए सजगता बरती जाये। कुदरा अवस्थित बसोका के बीज विश्लेषण प्रयोगशाला में बीजों के विश्लेषण की प्रक्रिया शुरू करने के संबंध में विभाग एवं बसोका के साथ बैठक की जाये। निगम को खुले बाजार मे भी बीज बिक्री विपणन की कार्य योजना बनाई जाये। निदेशक, बसोका के प्रसंस्करण उपरांत बीजों को जूट बैग में संग्रहित करने एवं टैग निर्गत होने के उपरांत पुनः एच॰डी॰पी॰ई॰ बैग में टैगिंग, पैकिंग करने के निदेश के आलोक में इसके विभिन्न पहलुओं के वैज्ञानिक फलाफल से अवगत होने हेतु बसोका एवं कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के साथ बैठक की जाये एवं उसके आलोक में कार्रवाई की जाये।
श्री सिंह द्वारा निगम के धान बीज उत्पादन के क्षेत्र में किये गये प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया तथा विभागीय योजनाओं में गेहूँ बीज की आवश्यकता के अनुरूप निगम का उत्पादन सुनिश्चित करने हेतु निदेशित किया गया। साथ ही, दलहन/तेलहन बीज उत्पादन हेतु कृषकों को प्रोत्साहित कर बीजों के क्रय की डाईनेमिक पाॅलिसी बनाने हेतु निदेश दिया गया।