संभावित बाढ़ एवं जल-जमाव से निपटने हेतु पूर्व तैयारी सुनिश्चित करने का डीएम ने दिया निदेश…

अन्तर्विभागीय समन्वय, सतर्कता एवं सजग रहने की आवश्यकता पर डीएम ने दिया विशेष बल
डीएम ने कहाः मानक संचालन प्रक्रिया का अनुपालन अनिवार्य
त्रिलोकी नाथ प्रसाद -पटना, शुक्रवार, दिनांक 29.04.2022: जिला पदाधिकारी, पटना डॉ0 चन्द्रशेखर सिंह द्वारा संभावित बाढ़ एवं जल-जमाव से निपटने हेतु त्रुटिरहित पूर्व तैयारी सुनिश्चित करने के लिए आज समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में समीक्षात्मक बैठक की गई। उन्होंने कहा कि पटना जिला के गंगा एवं अन्य नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ आने पर तथा शहरी क्षेत्रों में जल जमाव होने पर गंभीर स्थिति उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्गत मानक संचालन प्रक्रिया का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ0 सिंह ने कहा है कि संभावित आसन्न आपदाओं की शीघ्र चेतावनी और उनका प्रभावी प्रचार-प्रसार सफल आपदा प्रबंधन के मुख्य घटक हैं। त्रुटि-रहित आपदा प्रबंधन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय, सतर्कता एवं सजग रहने की आवश्यकता है।
इस बैठक में डीएम डॉ0 सिंह द्वारा संभावित बाढ़ एवं जल-जमाव से निपटने हेतु विभिन्न विभागों की तैयारियों की समीक्षा की। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्तमान में पटना जिला अंतर्गत 26 वर्षामापी यंत्र कार्यरत है जिससे नियमित तौर पर पूर्वाह्न 8.30 बजे वर्षापात से संबंधित आंकड़ों को संग्रहित किया जाता है। डीएम डॉ0 सिंह ने कहा कि इन आंकड़ों का संभावित बाढ़/जल-जमाव से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका है। विगत पाँच वर्षों का तुलनात्मक अध्ययन रणनीति बनाने में काफी सहायक सिद्ध हो सकती है। उन्होंने पटना जिला के सभी पार्कों में स्वचालित वर्षामापी यंत्र के अधिष्ठापन की प्रक्रिया में तीव्रता लाने का निदेश दिया।
डीएम डॉ0 सिंह ने सिविल सर्जन को मानव दवा की उपलब्धता, बोट एम्बुलेंस एवं चलंत मेडिकल टीम की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि बाढ़ आने की स्थिति में भिन्न-भिन्न तरह के जल-जनित बीमारियों से बचाव हेतु 56 प्रकार की दवाइयाँ आवश्यक होती हैं। इसमें 42 प्रकार की दवाइयाँ पर्याप्त मात्रा में है। डीएम डॉ0 सिंह ने शेष 14 प्रकार की दवाइयों की भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता 15 मई तक सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने सांप काटने से इलाज हेतु दवा, हेलोजेन टैबलेट, क्लोरीन टैबलेट, ओआरएस एवं ब्लीचिंग पाउडर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखने का निदेश दिया।
डीएम डॉ0 सिंह ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को पशु दवा एवं पशु चारा की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निदेश दिया। जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिला में 32 केन्द्र पशु शिविर के रूप में चयन कर लिया गया है। 42 प्रकार की आवश्यक दवाओं में से 20 प्रकार की दवाएँ उपलब्ध है। डीएम डॉ0 सिंह ने उन्हें शेष 22 प्रकार की दवाओं को भी 15 मई तक पर्याप्त मात्रा में क्रय कर लेने का निदेश दिया।
डीएम डॉ0 सिंह ने सभी अंचलाधिकारियों तथा अनुमंडल पदाधिकारियों को संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं संकटग्रस्त व्यक्ति समूहों की सूची तैयार कर एक सप्ताह के अंदर आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर अपलोड करने तथा नजरी-नक्शा तैयार करने का निदेश दिया ताकि बाढ़ प्रभावित परिवार के खाते में पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से सीधा भुगतान हो सके।
डीएम डॉ0 सिंह ने सभी अंचलाधिकारियों एवं अनुमंडलाधिकारियों को पंचायतों, प्रखंडों तथा ग्राम स्तर पर उपलब्ध सभी संसाधनों की सूची तैयार कर ऑनलाईन रिपोर्टिंग पोर्टल पर उपलब्ध कराने का निदेश दिया है। उन्होंने नाव की उपलब्धता एवं नाविकों की पहचान, पॉलिथीन शीट्स, लाईफ जैकेट्स सहित सभी संसाधनों का भौतिक सत्यापन करने का निदेश दिया। उन्होंने निजी नावों का अधिग्रहण, एकरारनामा, निबंधन एवं नाविकों की सूची मोबाइल नम्बर के साथ उपलब्ध कराने को कहा। डीएम डॉ0 सिंह ने गोताखोरों की सूची को अद्यतन करने का निदेश दिया। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारियों को इसका सत्यापन करने को कहा।
डीएम डॉ0 सिंह ने एक सुदृढ़ एवं सार्थक संचार योजना निर्माण करने का निदेश दिया। इसमें राहत दल, खोज बचाव दल, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों/कर्मियों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का नाम, दूरभाष/मोबाइल नम्बर शामिल रहना चाहिए।
डीएम डॉ0 सिंह ने सभी अंचलाधिकारियों एवं अनुमंडल पदाधिकारियों को संभावित शरण स्थलों सूची तुरत उपलब्ध कराने का निदेश दिया। उन्होंने कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को यहाँ पेयजल की व्यवस्था रखने तथा सिविल सर्जन, पटना को मेडिकल कैम्प की व्यवस्था रखने का निदेश दिया।
डीएम डॉ0 सिंह ने तटबंधों एवं जमींदारी बांधों की मरम्मति एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य 15 मई तक पूर्ण कर लेने का निदेश दिया। उन्होंने सभी तटबंधों एवं बांधों का संयुक्त निरीक्षण प्रतिवेदन 05 मई तक उपलब्ध कराने का निदेश दिया। डीएम डॉ0 सिंह ने कहा कि सभी तटबंधों को मिलाकर कुल 306 स्लुइस गेट है। उन्होंने जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता इनकी ग्रीसिंग एवं मरम्मति का कार्य 15 मई तक पूर्ण करने का निदेश दिया। उन्होंने ग्रामीण कार्य विभाग एवं पथ निर्माण विभाग के सभी प्रमंडलों से मरम्मत किए गए सड़कों की सूची उपलब्ध कराने का निदेश कार्यपालक अभियंताओं को दिया।
डीएम डॉ0 सिंह ने पटना शहर सुरक्षा प्रबंधन हेतु शहरी क्षेत्र के सभी नालों की सफाई, गंगा नदी में सीधे गिरने वालें नालों का निरीक्षण, सम्प हाउस की स्थिति, उन क्षेत्रों जो नगर निगम में बाढ़ में शामिल किये गये है उनका जल निकासी का प्रबंध, बादशाही पईन की स्थिति से संबंधित संयुक्त निरीक्षण प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निदेश पटना नगर निगम एवं बुडको को दिया।
डीएम डॉ0 सिंह ने कहा कि हीटवेव, लू एवं अगलगी से बचाव के लिए आम जनता के बीच लगातार जागरूकता अभियान चलाने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि आगलगी की घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन के अधिकारी वहाँ तुरत पहुँच जाए। अग्निकांड पीड़ितों को 24 घंटे के अंदर अनुमान्य सहाय्य यथा पॉलिथिन शीट, नकद अनुदान तथा वस्त्र एवं बर्तन के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाए। इसी प्रकार घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था की जाएगी तथा मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान का भुगतान अविलंब किया जाए। जले एवं क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वेक्षण कर इसका जियो टैगिंग एवं फोटोग्राफी कराकर गृह क्षति अनुदान का भुगतान शीघ्रातिशीघ्र कर दिया जाए।
डीएम डॉ0 सिंह ने कहा कि संभावित बाढ़ से निपटने हेतु जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क एवं सजग है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावितों के जान-माल की सुरक्षा एवं त्वरित तथा ससमय राहत पहुँचाना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।