किसानों के बीच जागरूकता फैलाएंगे कृषि विभाग के कर्मी/अधिकारीगण।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद – कृषि विभाग , मधुबनी के द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित किसानों को ईकेवाईसी , प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के आवेदन मॉड्यूल में किए गए बदलाव एवं किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने हेतु किसानों को कृषि विभाग के कर्मी एवं पदाधिकारियों के द्वारा जागरूक किया जा रहा है । जिसके तहत आज दिनांक 29 अप्रैल 2022 को कृषि निदेशालय से आए हुए श्री अभिषेक कुमार एवं श्री संजीव कुमार (डीबीटी कोषांग , कृषि विभाग , ) के द्वारा ई0के0वाई0सी0 एवं आवेदन मॉड्यूल में की गई परिवर्तन के बारे में तथा बैंक खाता को आधार कार्ड एवं एनपीसीआई से लिंक करने हेतु किसानों को जागरूक करने हेतु सभी कर्मियों एवं पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया ।उन्हें यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभान्वित शत प्रतिशत कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड से आच्छादित करना है । जिसके लिए उन्हें जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर किसान, किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त कर लेते हैं तो उन्हें अपने खेती करने में सहायता मिलेगी तथा उनकी कम लागत में अधिक मुनाफा होगी ।आज इस कार्यशाला के माध्यम से जिले के सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी/ सभी प्रखंड तकनीकी प्रबंधक/ सभी कृषि समन्वयक /सभी सहायक तकनीकी प्रबंधक /सभी किसान सलाहकार एवं सभी कॉमन सर्विस सेंटर संचालकों को प्रशिक्षित किया गया है । बैठक में उपस्थित जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा सभी कर्मियों को निर्देश दिया गया कि सभी जानकारी किसानों तक पहुंचाने हेतु व्यापक रूप से प्रचार प्रसार किया जाए । ज़िला कृषि पदाधिकारी , मधुबनी के द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभान्वित कृषकों को शत प्रतिशत e-kyc के अपने नजदीक के कॉमन सर्विस सेंटर से करने हेतु अनुरोध किया गया है उन्होंने उन्होंने बताया कि अंतिम तिथि के उपरांत e -kyc नहीं कराने वाले किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि भारत सरकार से अवरुद्ध हो जाएगी।-
बिहार में शराब का व्यापार एवम सेवन पूर्ण रूप से अवैध है। इससे संबधित जानकारी टॉल फ्री नंबर 15545 या18003456268 एवम जिला नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर पर*06276-224445 *जरूर दे। आपकी पहचान गोपनीय रखी जायेगी।
चमकी से डरे नही,बल्कि सावधानी बरतें,लक्षण महसूस होते ही तुरंत बच्चे को नजदीकी सरकारी अस्पताल में ले जाए।**