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किशनगंज : हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर विशेष रूप से मनाई गई चौथी वर्षगांठ, ई-टेलीमेडिसीन सेवा से लोगो का किया गया इलाज।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, राज्य सरकार, चिकित्सा के क्षेत्र में नई-नई तकनीकी व्यवस्था को लेकर कार्य करने में जुटी हुई है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को जिले के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं मिल रही हैं। ज़िले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अब ससमय बेहतर व विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा ई-टेलीमेडिसीन के माध्यम से इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर तरह की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसी क्रम में जिले में आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर आज 16 अप्रैल को सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ई-संजीवनी टेलीमेडिसीन सेवा प्रदान की गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। जिलेवासियों को सीधे तौर पर इसका लाभ देने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टेलीमेडिसीन कंसल्टेशन की शुरुआत की गई है। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य सेवा को सशक्त एवं मजबूत बनाया जा रहा है। जिससे लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सुविधा प्रदान की जा सके। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि जिले में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ई-टेलीमेडिसीन द्वारा अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया गया है जिसके फलस्वरूप ज्यादा से ज्यादा लोगो को इसका लाभ पहुचाया गया है ।मरीज द्वारा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित एएनएम के पास कॉल किया जाएगा। उसके बाद बीमार मरीज से बातचीत के आधार पर मिली समस्या को एएनएम के द्वारा चिकित्सकों के पास भेजा गया। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा ई-टेलीमेडिसीन के माध्यम से मरीजों को सलाह दी गयी।

क्या होता है टेलीमेडिसिन :

जिला योजना समन्वयक विस्वजित कुमार ने बताया की टेलीमेडिसिन स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की एक उभरती हुई टेक्नोलॉजी है, जो कि डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए कुछ दूरी पर बैठे रोगी की जांच करने और उसका उपचार करने में मदद करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन “डब्ल्यूएचओ” के अनुसार, टेलीमेडिसिन सेवा वह सेवा है जिसमें अनुभवी स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा तकनीक का उपयोग करके ऐसे स्थानों पर रोगों की जांच, उपचार, बीमारियों के रोकथाम, मूल्यांकन आदि की सेवा प्रदान करना है, जहां रोगी और डॉक्टर के बीच काफी दूरी होती है। जिले में 11 हब और 230 स्पोक्स बनाये गए हैं। जिसमें मरीजों को वीडियो कॉल के माध्यम से चिकित्सकीय पराशर्म दी जा रही हैं। इसके साथ हीं ऑनलाइन इस्क्रिप्शन भी लिखा जा रहा है। ज़िलें में लगभग 500 के करीब मरीजों को सेवा का लाभ दिया गया है।

संजीवनी साबित हो रहा है टेलीमेडिसिन :

किशनगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अजय कुमार साह ने बताया कि जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र गांव निवासी ने अपने निकटतम एचएससी पर कार्यरत सीएचओ शिक्षिता से फोन के माध्यम से चिकित्सीय सलाह लेने के बाद इस तरह की सुविधाओं को ग्रामीण के पक्ष में एक सार्थक पहल बताई है। क्योंकि घर बैठे इस तरह की सुविधाएं मिलना किसी सपनें को साकार करने जैसा लग रहा है। क्योंकि सुदूरवर्ती गांव के लोगों को इस सेवा से काफी लाभ मिलने लगा है। यह सेवा उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है जो साधन, समय एवं पैसे के अभाव में बड़े-बड़े स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श या उपचार लेने में असमर्थ रहते हैं।

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