किशनगंज : नेपालगढ़ कॉलोनी के प्राथमिक विद्यालय में इच्छुक विद्यार्थियों को शतरंज खेलने की दी गई नि:शुल्क जानकारी।

लंबे लॉकडाउन के दौरान कुछ विद्यालयों में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ऑनलाइन जारी रहा एवं प्रतियोगिताएं ऑनलाइन आयोजित की गई। अब पुनः पूर्व की भांति विभिन्न इच्छुक विद्यालयों में यह कार्यक्रम प्रारंभ कर दी गई है।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, इस तथ्य से हम सभी अवगत हैं कि बच्चों के मानसिक विकास के साथ-साथ बौद्धिक स्तर की वृद्धि हेतु शतरंज एक अत्यंत प्रतिष्ठित एवं उपयोगी अंतरराष्ट्रीय खेल है। बीते समय के कोरोनाकाल से लॉकडाउन लागू होने से पूर्व यहां के करीब 25 विद्यालयों में जिला शतरंज संघ द्वारा शतरंज प्रशिक्षण कार्यक्रम चेस-इन-स्कूल सफलतापूर्वक चलाया जा रहा था। इसमें लाभान्वित होकर बच्चे इसके माध्यम से स्वस्थ मनोरंजन करते हुए जिला से राष्ट्रीय-स्तर तक प्रभावी प्रदर्शन कर रहे थे।
लंबे लॉकडाउन के दौरान कुछ विद्यालयों में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ऑनलाइन जारी रहा एवं प्रतियोगिताएं ऑनलाइन आयोजित की गई। अब पुनः पूर्व की भांति विभिन्न इच्छुक विद्यालयों में यह कार्यक्रम प्रारंभ कर दी गई है। उक्त बातों की जानकारी देते हुए जिला शतरंज संघ के मानद महासचिव शंकर नारायण दत्ता एवं वरीय संयुक्त सचिव सह कार्यक्रम के संयोजक फिडे इंस्ट्रक्टर कमल कर्मकार ने आगे कहा कि इस सूत्र में स्थानीय प्राथमिक विद्यालय नेपालगढ़ कॉलोनी के प्रधानाध्यापिका श्रीमती बॉबी दास के आग्रह पर विद्यालय के इच्छुक विद्यार्थियों को बुधवार के दिन शतरंज खेलने की नि:शुल्क वांछित जानकारी दी गई। इस कार्य में विद्यालय के शिक्षक सोमनाथ झा, दीपंकर सिंह एवं अन्य ने भरपूर सहयोग प्रदान किया।
शतरंज प्रशिक्षण श्री कर्मकार एवं उनके सहयोगी सहायक सचिव सौरभ कुमार एवं रोहन कुमार ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षु मो. राजू, मो. शारिक, रुखसार, सकीना, मो. अरशद, नूर, अंजली कुमारी, मो. हबीब, मो. मुजम्मिल एवं कुछ अन्य को इसमें अत्यंत दिलचस्पी दिखाते हुए देखा गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को अपने विद्यालय में आयोजित करवाने हेतु विद्यालय प्रमुख श्रीमती बॉबी दास को संघ के उपाध्यक्षगण यथा धनंजय जायसवाल, मनीष कासलीवाल, श्रवण कुमार सिंघल, मुनव्वर रिजवी, डॉक्टर नुसरत जहां, संजय किल्ला, रंजन चक्रवर्ती सहित दर्जनों पदाधिकारियों ने बधाई दी तथा विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।