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किशनगंज : डेंगू मच्छरों से होने वाला एक खतरनाक बीमारी, है तेज दर्द और बुखार के साथ ठंड लगना रोग के लक्षण-सिविल सर्जन

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, बरसात के मौसम में और ठंड की शुरूआत के साथ ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगता है और आमजन मच्छर जनित रोगों के शिकार होने लगते हैं। मलेरिया, चिकनगुनिया के साथ डेंगू के मामले सामने आने लगते हैं। डेंगू मच्छरों से होने वाला एक खतरनाक बीमारी है। डेंगू एडीज एजिप्टी नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से होता है। डेंगू बुखार बहुत ही घातक होता है और इसका सही समय पर पहचान व इलाज नहीं होने से रोगी की मौत तक हो सकती है। सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि अमूमन डेंगू बुखार से प्रभावित करने वाले मच्छर दिन के समय निकलते हैं और नमी वाली जगहों पर होते हैं। जूलाई से अक्टूबर का समय मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल माहौल देता है। डेंगू के कारण बुखार से पीड़ित मरीज के खून में प्लेटलेट्स की कमी होने लगती है और रोगी को तीव्र बुखार के साथ शरीर व सिर में अत्यधिक दर्द होता है।

डेंगू के लक्षणों की पहचान करना जरूरी:

डेंगू बुखार के लक्षणों की ससमय पहचान व इलाज आवश्यक है। सही समय पर इलाज नहीं मिलने से रोगी की मौत हो जाती है। डेंगू के लक्षणों में ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार आना, सिर मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पिछले भाग में दर्द होना, अत्यधिक कमजोरी लगना, भूख में बेहद कमी तथा जी मिचलाना, मुंह के स्वाद का खराब होना, गले में दर्द, शरीर पर लाल चकता आदि डेंगू के लक्षणों में शामिल हैं। साधारण डेंगू बुखार सात दिनों तक रहता है लेकिन अधिकतर मामलों में यह बुखार गंभीर रूप ले लेता है।

मच्छरों को पनपने से रोकने के करें उपाय:

सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि डेंगू व मच्छर जनित सभी प्रकार के रोगों की रोकथाम की पहली शर्त मच्छरों को पनपने से रोकना है। मच्छर जमा पानी में प्रजनन करते हैं इसलिए उन स्थानों को चिन्हित करें जहां पानी जमे होने की संभावना होती है। इनमें घरों में कूलर्स, छत, आसपास नाली, फिज्र के नीचे का ट्रे, गमलों, पानी की टंकी सहित अन्य सामान हो सकते हैं। ऐसी जगहों की नियमित सफाई करें। अपने घर और आसपास पानी जमा नहीं होने दें। समय समय पर नालियों की सफाई कर उसमें किरासन तेल, पेट्रोल या मच्छर रोधी पाउडर का छिड़काव करें. पानी टंकी खुला नहीं रहे इसका विशेष ध्यान रखें।

सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग है जरूरी:

​मच्छरों से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी का अवश्य प्रयोग करें। मच्छरों को भगाने के लिए मच्छर नाशक क्रीम या सिनट्रोला तेल आदि का इस्तेमाल प्रभावी है। बच्चों व गर्भवती महिलाओं को ऐसे कपड़े पहनायें जिससे शरीर का अधिक से अधिक हिस्सा ढंका हो। घर के भीतरी हिस्सों जैसे परदा, खिड़की, पलंग के कॉर्नर तथा सभी नमी वाले स्थानों पर आवश्यक मच्छररोधी दवाई का छिडकाव करें। दरवाजे व खिड़कियों पर जाला लगवायें।

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