प्रखंड में भ्रष्टाचार चरम पर,बिना नज़राना दिए नही होता कोई काम

गुड्डु कुमार सिंह –गडहनी। प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय गडहनी मे बढते भ्रष्टाचार का बोलबाला चरम सीमा पर पहुँच गई है।प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय से संबंधित किसी भी कार्य के लिये चाहे दाखिल खारिज कराना हो परिमार्जन कराना हो मापी कराना हो या फिर आवास योजना,शौचालय,राशन कार्ड,आय ,
आवासीय,जाति प्रमाण पत्र, नल जल, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र सहित कोई योजना का लाभ लेना हो बिना घुस के रूप मे मोटी रकम कर्मियों को भेंट किये होता है।इन सभी योजनाओं का लाभ उठाने के लिये लाभूकों से कर्मियों द्वारा एक मुस्त मोटी रकम की वसूली की जाती है।इसके लिए कई दलाल रखा गया है।यदि दलाल के माध्यम से कोई काम आया तो होना निश्चित है,यदि कोई लाभुक अपने से फॉर्म या कागज़ जमा करते है तो कोई न कोई बहाना बनाकर कैन्सिल कर दिया जाता है।इसकी शिकायत लाभुकों द्वारा कई बार उच्च अधिकारियों से किया गया लेकिन कोई सुनवाई या करवाई नही हुआ जिसका नतीजा है कि कर्मियों का बनोबल बढ़ा हुआ है।गडहनी प्रखण्ड कार्यालय मे फैले इस भ्रष्टाचार की खबरें आये दिन न्यूज चैनलों अखबारों के माध्यम से प्रकाशित होती रही है लेकिन सुशासन कि सरकार मे भ्रष्टाचार पर अंकुश नही लगाया जा सका जिससे कर्मियों सहित पदाधिकारियों का भी मनोबल और धृष्टता बढता गया।बताते चलें कि एक ही कर्मी कई बर्षों से एक ही जगह पर कब्जा जमाये बैठे हैं उनका तबादला शिकायतें मिलने के बाद भी नही की जाती।नीतिश सरकार के विकास की चरमराती ब्यवस्था योजनाओं का बंटाधार कर रही है।आज मुख्यमंत्री के महत्वकांक्षी सात निश्चय योजना गाँवों मे मुंह चिढाती नजर आ रही है।कमीशनखोरी योजनाओं को पुरी तरह से फ्लाॅप के कगार पर पहुंचा कर रख दिया है।भ्रस्टाचार का जाता जागता उदाहरण जल नल योजना है जो आज किसी भी पंचायत या वार्ड में पूरा नही किया गया लेकिन प्रखंड के अधिकारियों के द्वारा कार्य पूर्ण का रिपोर्ट सरकार के पास भेज दिया गया।जल नल योजना के पैसे को जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों के द्वारा बंदरबाट कर लूट लिया गया तो फिर काम पूर्ण कहा से होगा।सीओ द्वारा कई सरकारी जमीन को पैसा लेकर दाख़िल खारिज कर दिया गया।इसकी जाँच किया जाए तो सारे मामला की पोल खुल जाएगी।मुख्यमंत्री नीतीश के जनता दरबार मे बिहार से जल नल सहित कई मामला पहुँचा लेकिन किसी का निदान संतोष जनक नही हुआ सिर्फ दिखावा किया गया।इसकी शिकायत यदि सीओ से किया गया तो बोलते है कि कर्मियों की कमी है इसलिए इन लोगो को रखा गया है।यदि ये लोग न हो तो काम कैसे होगा।