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किशनगंज : यौन उत्पीड़न निवारण के लिए राहत आई पाटनर इंडिया और एसएसबी के द्वारा कार्यशाला का किया गया आयोजन, डॉ फरजाना ने कहा-पुरुष और महिलाओं में समानता आवश्यक है सभी एक दूसरे को सम्मान दें और उनका आदर करें, ऐसा नहीं कि-दोनों एक दूसरे को जलील करें..

किशनगज/धर्मेन्द्र सिंह, आजकल पुरुष और महिलाऐं एक साथ काम कर रही है। जो कभी भी कहीं जा सकते हैं, कोई रोजगार या अन्य कार्य कर सकते हैं। ऐसे में पुरुष और महिलाओं में समानता आवश्यक है। सभी एक दूसरे को सम्मान दें और उनका आदर करें। ऐसा नहीं कि-दोनों एक दूसरे को जलील करें। उक्त बिचार फ्रंटियर मुख्यालय सिल्लीगुड़ी की कमांडिंग मेडिकल ऑफिसर डॉ रिंकू डे ने आयोजित कार्यशाला में कही। जबकि राहत संस्था की सचिव डॉ फरजाना बेगम ने इस कार्यशाला में डॉ रिंकू की बातों का समर्थन करते, हुए इसके कानूनी पहलुओं को एसएसबी जवानों के बीच रखा। जहाँ डॉ फरजाना ने कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न निवारण को लेकर कानूनी पहलुओं की जानकारियां कार्यशाला में दी। आपको बताते चले कि राहत आई पाटनर इंडिया और एसएसबी के संयुक्त तत्वाधान में एसएसबी कैम्प में एसएसबी 12वीं बटालियन के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य रूप से कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न निवारण के लिए क्या-क्या आयाम है इस पर चर्चा की गई। डॉ. फरजाना ने कहा कि आजकल महिला और पुरुष सभी काम करने निकलने लगे हैं सबों का मौलिक अधिकार है। कोई भी रोजगार के लिए कहीं भी जा सकते हैं। कार्यस्थल पर भी महिलाएं अलग-अलग संस्थानों में काम कर रही हैं। इन संस्थानों में महिला पुरुष एक साथ मिलकर काम करते हैं। कई जगह यौन उत्पीड़न का मामला भी आता रहता है। डॉक्टर फरजाना बेगम ने कहा कि कोई भी महिला अपनी शिकायत उसी संस्थान के अंतरिम समिति में दे सकती है। समिति को अधिकार होता है कि समिति पूरी जांच करें और समिति परामर्श कर सकती है। वेतन वृद्धि में कमी की जा सकती है या एफआईआर हो सकता है। यह अंतरिम समिति की जो खासियत है। अगर कोई झूठा भी आरोप लगाता है तो उसके लिए भी यही प्रावधान दोहराया जा सकता है। इसी की जागरूकता के लिए ज्ञान वर्धन के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। एसएसबी कमांडेंट ललित कुमार ने समानता और महिला अधिकार, पुरुष अधिकार के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कमांडेट श्री कुमार ने कहा कि सभी को अपने अधिकार में रहने की जरूरत है। सब एक दूसरे का सम्मान करें और इज्जत करें। मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर रिंकू डे ने कहा कि महिला और पुरुष एक साथ निकल के काम करते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि एक दूसरे को जलील करें। सभी एक दूसरे को सम्मान की नजर से देखें।

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