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बिहार सरकार रहेगा या जायेगा सत्ता का चाभी किसके पास

डॉक्टर लक्ष्मी नारायण सिंह-फतुहा। बिहार सरकार रहेगा या जायेगा ,कब तक रहेगा,कब तक जाएगा, अगला सरकार किसकी होगी । बिहार में कौन- कौन चाणक्य है‌। क्या चिराग का राजनीति समाप्त हो जाएगी‌ या जनता सत्ता का‌ चाभी जनता चिराग को सौंपेंगी यही सवाल सभी का जुवान पर है। बताया जाता है कि सभी दलों में चाणक्य है‌ परंतु सबसे ज्यादा जदयू और भाजपा में है तथा ,राजद और लोजपा में सबसे कम सिर्फ एक एक चाणक्य है। जदयू में एक भी चाणक्य ने माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नहीं बताया कि तेजस्वी यादव को उप मुख्यमंत्री नहीं बनाएं अन्यथा भविष्य ‌मुश्किल में फंस जाएगा। यहां पर नीतीश कुमार बुरी तरह फेल हो गए। जीतन माझी को जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बनाए उस समय जदयू के एक भी चाणक्य नहीं कहा कि यह भविष्य का बेड़ी साबित होंगे। यहां भी नीतीश कुमार फेल हो गए ।बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव जीतन‌ मांझी और साहनी को‌ एक
भी टिकट ‌नहीं दिया। तेजस्वी को शायद समझ में आ गया कि हमारा ही वोट से जीतकर मेरे लिए परेशानी बन सकता है। तेजस्वी यहां भी सफल रहे ।
एनडीए शायद जीतन मांझी और‌ साहनी को भाग्यविधाता मानकर एनडीए में टिकट दे दिया।आज क्या हालत है बताने की आवश्यकता नहीं है। विधान सभा चुनाव के समय ही रामविलास पासवान का निधन हो गया। वैसे स्थिति में चिराग को सांत्वना के बदले जदयू ने रिस्ते तक खराब कर लिया। यहां भी जदयू हार गए। चिराग पासवान ने नरेंद्र मोदी के हनुमान बनकर भाजपा के वैतरणी पार किया। भाजपा के अधिकांश लोग सत्ता के मद में इतना अंधा हो गया ‌है कि समझ‌ में नहीं आ रहा है कि सत्ता चिराग के द्वारा दिया गया तोहफ़ा है चिराग को सम्मान करें। बिहार आज ऐसे मोड़ पर खड़ा है कि सत्ताधारियों को समझ में नहीं आ रहा कि सत्ता चिराग का तोहफा है या आकाश से मिला है। चिराग सिर्फ देश के भविष्य के लिए मोदी का हनुमान बने हुए हैं। इसी बीच लोजपा को कमजोर करने के लिए एक साज़िश के तहत सांसद को हटा दिया परंतु लोजपा के सभी समर्थक चिराग के साथ रह गए है। आज बिहार का भविष्य ऐसे मोड़ पर खड़ा है जिसका चाभी चिराग के पास है। चिराग यदि राज्य के शरण में चला गया तो 50 साल तक भी एनडीए को सत्ता वापसी की संभावना दूर दूर तक नहीं है।हो भी कैसे भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लगभग दो सो योजनाऐं चलाई जा रही है जो कागजों में ही सिमट कर रह गई है। यदि योजना सही ढंग से लागू करवाया जाता तो आज बिहार स्वर्ग बन जाती।

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