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एनएचपीसी का 130.1 मेगावाट की डागमारा जलविद्युत परियोजना के कार्यान्वयन के लिए बिहार स्टेट हाईड्रोइलैक्ट्रिक पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (बीएसएचपीसी) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर सम्पन्न

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –श्री आर. के. सिंह, माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा व माननीय राज्य कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री, भारत सरकार तथा श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, माननीय ऊर्जा मंत्री, बिहार सरकार की गरिमामय उपस्थिति में एनएचपीसी लिमिटेड और बिहार स्टेट हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएसएचपीसी) के बीच 130.1 मेगावाट की डागमारा जलविद्युत परियोजना, जिला सुपौल, बिहार के कार्यान्वयन के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर 14 जून, 2021 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हस्ताक्षर किए गए। विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से श्री अलोक कुमार, सचिव (विद्युत), भारत सरकार, श्री आशीष उपाध्याय, अपर सचिव, श्री एस. के.जी. रहाटे, अपर सचिव, श्री विवेक कुमार देवांगन, अपर सचिव, श्री तन्मय कुमार, संयुक्त सचिव तथा श्री संजीव हंस, सचिव (ऊर्जा), बिहार सरकार, श्री प्रत्यय अमृत अपर मुख्य सचिव, बिहार सरकार, श्री आलोक कुमार, प्रबंध निदेशक, बीएसएचपीसी, श्री राहुल रंजन महिवाल, डीसी, सुपौल व एनएचपीसी से श्री ए.के. सिंह, सीएमडी, श्री एन.के. जैन, निदेशक (कार्मिक), श्री वाई.के. चौबे, निदेशक (तकनीकी), श्री आर.पी. गोयल, निदेशक (वित्त), श्री बिश्वजीत बासु , निदेशक (परियोजनाएं) और श्री ए.के. श्रीवास्तव, सीवीओ, इस अवसर पर उपस्थित थे।

एनएचपीसी लिमिटेड और बिहार स्टेट हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएसएचपीसी) के बीच 130.1 मेगावाट की डागमारा जलविद्युत परियोजना, जिला सुपौल, बिहार के कार्यान्वयन के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर 14 जून, 2021 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हस्ताक्षर किए गए हैं।

श्री आर. के. सिंह, माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा व माननीय राज्य कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री, भारत सरकार तथा श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, माननीय ऊर्जा मंत्री, बिहार सरकार की गरिमामय उपस्थिति में हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और इसका आदान-प्रदान किया गया।

इस समझौता ज्ञापन पर एनएचपीसी की ओर से श्री बिश्वजीत बासु , निदेशक (परियोजनाएं), एनएचपीसी द्वारा जबकि बिहार सरकार की ओर से श्री आलोक कुमार, प्रबंध निदेशक, बीएसएचपीसी ने इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। श्री आलोक कुमार, सचिव (विद्युत), भारत सरकार, श्री संजीव हंस, सचिव (ऊर्जा), बिहार सरकार, श्री तन्मय कुमार, संयुक्त सचिव (हाइड्रो), एमओपी, भारत सरकार और एनएचपीसी से श्री ए.के. सिंह, सीएमडी, श्री एन.के. जैन, निदेशक (कार्मिक), श्री वाई.के. चौबे, निदेशक (तकनीकी), श्री आर.पी. गोयल, निदेशक (वित्त), श्री बिश्वजीत बासु , निदेशक (परियोजनाएं) और श्री ए.के. श्रीवास्तव, सीवीओ, भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री आर.के. सिंह, माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विद्युत और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा एवं माननीय राज्य कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री, भारत सरकार ने परियोजना को शुरू करने में त्वरित प्रतिक्रिया और सहयोग के लिए एनएचपीसी को धन्यवाद दिया, जो जलविद्युत के विकास के अपने उद्देश्य के प्रति उनकी गहरी उत्सुकता को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि जलवायु परिवर्तन की पृष्ठभूमि में और भविष्य की पीढ़ी के लिए जीवाश्म से गैर-जीवाश्म ईंधन में परिवर्तन के उद्देश्य को पूरा करने में जल विद्युत बहुत महत्वपूर्ण है।

अपने संबोधन में श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, माननीय ऊर्जा मंत्री, बिहार सरकार ने डागमारा परियोजना के कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार की ओर से विद्युत मंत्रालय और एनएचपीसी को अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि यह परियोजना राज्य में चहुंमुखी प्रगति और विकास लाएगी।

श्री ए.के. सिंह, सीएमडी, एनएचपीसी ने कहा, “डागमारा जलविद्युत परियोजना बिहार के विद्युत क्षेत्र के परिदृश्य में एक ऐतिहासिक परियोजना होगी जहां तक हरित ऊर्जा का संबंध है।” उन्होंने आगे कहा, “स्वच्छ और हरित बिजली पैदा करने के अलावा, इसके निष्पादन से क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।”

130.1 मेगावाट की डागमारा जलविद्युत परियोजना, बिहार की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना, एनएचपीसी द्वारा स्वामित्व के आधार पर कार्यान्वित की जानी है। एनएचपीसी विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के तहत जलविद्युत के क्षेत्र में भारत की एक श्रेणी-ए मिनीरत्न कंपनी है। वर्तमान में, एनएचपीसी के पास 24 संचालित विद्युत स्टेशन हैं, जिनकी कुल संस्थापित क्षमता 7071 मेगावाट है। एनएचपीसी पारंपरिक और गैर-पारंपरिक स्रोतों के माध्यम से विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में एक प्रमुख कंपनी के रूप में उभरी है।

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