कोविड-19 महामारी के दौरान चिकित्सा देखभाल और राहत प्रदान करने के लिए अपने हितलाभार्थियों तक कर्मचारी राज्य बीमा निगम की पहुंच।।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद बीमाकृत व्यक्ति और/या उसके परिवार के सदस्य कोविड-19 से संक्रमित होने की स्थिति में कोविड-19 समर्पित अस्पताल घोषित किए गए किसी भी क.रा.बी. निगम/क.रा.बी. योजना अस्पताल से निशुल्क चिकित्सा देखरेख प्राप्त कर सकते हैं। वर्तमान में क.रा.बी. निगम द्वारा प्रत्यक्षतः संचालित क.रा.बी. निगम अस्पताल 3676 कोविडआइसोलेशन बिस्तर, 229 आईसीयू बिस्तर तथा 163 वेंटिलेटर बिस्तर व राज्य सरकारों द्वारा संचालित 26 क.रा.बी. योजना अस्पताल 2023 बिस्तर के साथ कोविड-19 समर्पित अस्पतालों के रूप में कार्य कर रहे हैं।
इसके साथ-साथ प्रत्येक क.रा.बी. निगम अस्पतालों को उनकी बिस्तर क्षमता के न्यूनतम 20% बिस्तरों के साथ क.रा.बी. बीमाकृत व्यक्तियों, लाभार्थियों, स्टाफ तथा पेंशनरों के लिए समर्पित कोविड बिस्तर के रूप में कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।
क.रा.बी. निगम चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल फरीदाबाद, हरियाणा और क.रा.बी. निगम चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल सनथ नगर, तेलंगाना में प्लाज्मा थेरेपी, जिसने गंभीर कोविड-19 रोगियों के जीवन को बचाने के लिए आशाजनक परिणाम दिए हैं, भी उपलब्ध है।
क.रा.बी. हितलाभार्थी उनकी पात्रता के अनुरूप बिना किसी रेफरल पत्र के टाइ अप अस्पतालों से सीधे ही आकस्मिक/गैर-आकस्मिक चिकित्सा उपचार ले सकते हैं।
यदि बीमाकृत व्यक्ति या उसके के परिवार का सदस्य कोविड-19 से संक्रमित होने पर किसी निजी अस्पताल में उपचार लेता है तो वह व्यय की प्रतिपूर्ति का दावा कर सकता है।
नकद हितलाभ
यदि बीमाकृत व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित होने के कारण अपने कार्य से अनुपस्थित होता है तो वह अपनी पात्रता के अनुरूप अनुपस्थिति अवधि के लिए बीमारी हितलाभ का दावा कर सकता है। बीमारी हितलाभ औसत दैनिक मजदूरी के 70% की दर पर 91 दिन के लिए दिया जाता है।
यदि कोई बीमाकृत व्यक्ति बेरोजगार हो जाता है, तो वह अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना (एबीवीकेवाई) के अंतर्गत अधिकतम 90 दिन के लिए दैनिक अर्जन के 50% की दर पर राहत प्राप्त कर सकता है। इस राहत को पाने के लिए बीमाकृत व्यक्ति अपना दावाwww.esic.inपर ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकता है।
यदि कोई बीमाकृत व्यक्ति आईडी एक्ट, 1947 के अनुरूप छंटनी या फैक्ट्री/स्थापना के बंद होने के कारण बेरोजगार हो जाता है, तो वह पात्रता के शर्ताधीन आरजीएसकेवाई के अंतर्गत 2 वर्ष की अवधि के लिए बेरोजगारी भत्ते का दावा कर सकता है।
किसी बीमाकृत व्यक्ति की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु की स्थिति में, उसके परिवार के सबसे बड़े जीवित सदस्य को ₹15000/- के अंत्येष्टि व्यय का भुगतान किया जाता है।
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