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पटना : तख्त बदल दो ताज बदल दो ऐसी कुशासन की सरकार बदल दो:-धीरेंद्र कुमार चौधरी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीपीआरपी

पटना/रणजीत कुमार सिन्हा तख्त बदल दो ताज बदल दो ऐसी कुशासन की सरकार बदल दो।इस सरकार की दोहरी नीति है दरबारे खास और दरबारे आम।दरबारे खास में रसूखदार और सत्ताधारी लोग हैं जिनके लिये कुछ भी संभव है मसलन अगर आप सत्ताधारी गठबंधन के विधायक हैं तो आपके बच्चे कोटा से बिहार आ सकते हैं किसी प्रशासनिक अधिकारी को बली का बकरा बना कर विधायक जी का काम हो जायेगा।अगर सत्ताधारी दल के सांसद हैं तो आप लौकडाउन में भी अपने क्षेत्र में अपनी राजनीति चमका सकते हैं। क्योंकि सैंया हैं कोतवाल तब डर काहे का।दूसरा है दरबारे आम जिसमें हम आप और बिहार की गरीब मजलूम निरीह बेबस जनता आती है जिनके लिये सारे कानून हैं जिनका सख्ती से पालन आवश्यक है नहीं तो आप दंड के भागी होंगी।सुशासन बाबू का राजहठ है कि बिहार के प्रतिभाशाली और असहाय बच्चे किसी भी हाल में बिहार वापस न आने पायें, उनका अपराध यह है कि उनमे से अधिकांश के अभिभावक बिहार के निम्नवर्गीय और मध्यवर्गीय बिहार की दरबारे आम की ऐसी जनता है जिसका कर्तव्य है सिर्फ वोट देना और सरकार से किसी प्रकार की कोई अपेक्षा न रखना। सत्ता में भागीदार बिहार भाजपा की मजबूरी है कि राजा के निर्णय के विरुद्ध कुछ न बोले।सत्ता में भागीदारी और हिस्सेदारी का मामला है भाई।अपना काम बनता भांड़ में जाये जनता।आपने बिहार भाजपा के किसी भी मंत्री, उप मुख्यमंत्री, वरीय नेता गण और प्रदेश अध्यक्ष का कोई बयान या मांग कोटा में फंसे बिहार के क्षात्रों के बारे में सुना क्या।बिहार भाजपा की हालत धृतराष्ट्र की सभा में बैठे भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य और कृपाचार्य जैसी है जिसके सामने द्रौपदी का चीरहरण होता रहेगा और ये अपने अपने स्वार्थ और मजबूरी वश मौन रहेंगे।एक तरफ भाजपा शासित उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात की सरकारें अपने प्रदेश के बच्चों को वापस लाने के लिये यथोचित कदम उठा चुकी हैं।राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी अन्य प्रदेशों में रह रहे अपने बच्चों को घर वापस ला रही है।लेकिन बिहार में सुशासन कुमार के तानाशाही राजहठ के सामने भाजपा के नेता धृतराष्ट्र के दरबारी बने बैठे हैं।बिहार की जनता इनको इनकी उचित जगह दिखाने को प्रतिबद्ध है।People get the governance they deserve & Bihar certainly deserves better. जनता की पंचायत।मुद्दा: बिहार विधानसभा चुनाव 2020. अब समस्या नहीं समाधान पंचायत से संसद तक।BPRP भारतीय पंचायती राज पार्टी।और नहीं बस और नहीं ग़म के प्याले और नहीं।

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