इंदिरा गाँधी के पोते वरुण गाँधी संजय गाँधी और मेनका गांधी के पुत्र हैं।आपमें से बहुत कम लोग जानते होंगे कि वरुण गाँधी का बचपन में अपहरण हुआ था।कोई दोपहर का वक्त था।मेनका गांधी थाने पहुंचती है और वहां पुलिस को वरूण गांधी के अपहरण की सूचना देती हैं।
वरुण गांधी के अपहरण की खबर जैसे ही पुलिस को पता चलती है,पूरे थाणे में खलबली मच जाती है क्योंकि वरूण उस समय भारत के प्रधानमंत्री,यानी इंदिरा गाँधी के पोते थे।लेकिन पुलिस को उस वक्त धक्का सा लगता है जब मेनका गांधी पुलिस को अपने बेटे वरूण गांधी के अपहरण की तहरीर देते हुए उसमें अपहरणकर्ता में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का ही नाम लिखती है।
मेनका गांधी पुलिस को बताती है कि उनकी सास ने उनके बेटे का अपहरण कर लिया है और उसकों प्रधानमंत्री आवास में बंधक बनाकर रखा गया है ।दरअसल,संजय गांधी के देहांत हो जाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और मेनका गांधी के बीच संबंध इतने बिगड़ गए थे कि इंदिरा गाँधी ने मेनका को आधी रात में ही घर से बाहर निकाल दिया था।घर से निकाले जाने की ये बात सन 1982 की है ।
घर से निकाले जाने के बाद मेनका गांधी बेटे वरूण गांधी को लेकर अलग रहने लगी।लेकिन दूसरी तरफ इंदिरा गांधी ने भले ही मेनका को अपने प्रधानमंत्री आवास से अलग कर दिया हो लेकिन अपने पोते वरूण को दिल से नहीं निकाल पाई थी।जब वरूण करीब तीन के हुए तो इंदिरा गांधी अक्सर मेनका गांधी के घर के बाहर पहुंचती और वरूण को अपने साथ खिलाने के लिए ले जाती ।इसी बीच दादी पोते के यूं ही मिलते रहे।जब इंदिरा गाँधी को समय नहीं मिलता तो वे उसको गाड़ी भेजकर अपने पास बुला लिया करती।लेकिन मेनका ने इंदिरा गांधी का अपने पोते वरूण से मिलने का समय निर्धारित किया हुआ था।
इससे खफा मेनका गांधी सीधे पुलिस थाने पुहंची और इंदिरा गांधी के खिलाफ अपने बेटे का अपहरण करने का मामला दर्ज करा दिया।शुरू में तो इंदिरा गांधी ने इंकार किया लेकिन जब लोगों ने समझाया कि मेनका अपने बेटे के लिए उनको अदालत तक घसीट सकती है और वे वरूण को उसकी मा से अलग नहीं कर सकती,तो इंदिरा गांधी को अपने कदम पीछे खींचने पड़े ।इसे पढ़कर आपको अंदाजा हो गया होगा कि इंदिरा गाँधी और मेनका गाँधी के बीच किस हद तक संबंध ख़राब थे।इससे यही साबित होता है कि वे दोनों न एक दुसरे पर भरोसा करती थी और न दोनों की बनती थी।उस वक्त वरुण गाँधी छोटे थे,ज़रा सोचिये इस सबसे उनके बचपन और परवरिश पर भी कितना बुरा असर पड़ा होगा।नेहरु परिवार पर अनेक दागों में से ये भी एक दाग की तरह है ।
रिपोर्ट-वरिष्ठ न्यूज़ रिपोटर