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किशोर न्याय परिषद के प्रधान जज ने सुनाई अनूठी फैसला…

नालन्दा जेजेबी वाद संख्या 114/17,राजगीर थाना कांड संख्या 72/17 में विधि विरुद्ध किशोर संजीव कुमार की संलिप्तता पाई गई।अभिलेख पर उपलब्ध साक्ष्यों से यह प्रतीत हुआ कि किशोर 18 वर्षीय युवा है तथा पानीपुरी बेचकर अपना जीविकोपार्जन करता है।इसे पर्यवेक्षण गृह में रखने से परिवार का भरण पोषण प्रभावित हो सकता हैं।अतः इसे पर्यवेक्षण गृह में रखने की बजाए जांचोपरांत किशोर न्याय परिषद के प्रधान जज मानवेन्द्र मिश्र ने एक अनोखी सजा सुना दी।श्री मिश्र ने किशोर को ” आग से जनजीवन की सुरक्षा हेतु” जागरूकता संदेश को प्रसारित करने का सामाजिक कार्य करने का आदेश सुना दिया।उक्त किशोर दीपनगर थाना एवं सदर अंचलाधिकारी नालन्दा द्वारा बताए गए विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में एक माह तक आग से जनजीवन की सुरक्षा हेतु लोगो को जागरूक करेगा।आग से सुरक्षा हेतु किये जाने वाले उपायों के प्रति लोगो को जागरूकता अभियान चलाकर सन्देश देगा।ग्रामीण लोगो के द्वारा खेतो में फसल के अवशेषों को नहीं जलाए क्योकि हवा तेज होने के कारण फसल एवं जन माल की क्षति पहुंच रही है।चूल्हा पर खाना बनाने के बाद आग बुझाना सुनिश्चित कर ले, एवं अन्य कोई चीज जलाने के बाद उसे त्वरित बुझा दे।मानवेन्द्र मिश्रा ने अनोखी सजा सुनाने को लेकर हमेशा से चर्चा में रहे है कभी मतदाता जागरूकता अभियान, तो कभी जल ही जीवन है का महत्व का फैसला सुना समाज मे एक जागरूकता एवं नए कृतिमान स्थापित कर रहे है।इनका मानना है कि बाल अपराध एक सामाजिक समस्या है अतः इसके अधिकांश कारण समाज में ही विद्यमान है।जैसा खेत होगा वैसा फसल होगा।एक बीज को वृक्ष बनाने के लिये काफी सरक्षण और धैर्य की आवश्यकता है उसी प्रकार एक शिशु को अच्छे नागरिक बनाने के लिए एक अच्छे समाज का निर्माण आवश्यक है।एक राष्ट्र और समाज के तौर पर हमें अपनी कमियों को भी देखना पड़ेगा और जरूरत के हिसाब से इसका निदान भी करना पड़ेगा।किशोरावस्था में व्यक्तित्व के निर्माण तथा व्यवहार के निर्धारण में वातावरण का बहुत हाथ होता है इसलिए हमारा मुख्य ध्यान किशोर के मामले में अपराध पर नहीं अपितु अपराध के कारणों पर होना चाहिए एक प्रगतिशील लोक कल्याण कारी जनतंत्र होने के नाते हम अपराध में संलिप्त अपने किशोरों को कड़ी सजा देकर उन्हें वयस्क अपराधियों के साथ जेल में नहीं डाल सकते यह उनके भविष्य को नष्ट करने जैसा होगा।तरीका कोई भी हो हमें उन्हें सुधार प्रक्रिया से गुजार कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ना होगा जिससे किशोर अपराधी समाज का संवेदनशील सदस्य बने तथा देश का उत्तरदायित्व पूर्ण नागरिक बन सके।

रिपोर्ट-श्रीधर पांडे

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