पूर्णिया व्यपारी हत्याकांड का राज से पर्दाफ़ाश, इस हत्याकांड में संलिप्त दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार…

पूर्णिया 9 नवम्बर को पंजाब के एक व्यवसायी कृष्ण मोहन कपूर की हत्या हुई थी।यह ब्लाइंड केस बना रहा।लेकिन आज इस हत्याकांड के राज से पर्दा उठ गया।पूर्णिया पुलिस ने आज इस हत्याकांड में संलिप्त दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।बताते चलें कि पंजाब के रहने वाले कृष्ण मोहन कपूर पूर्णिया में कृषि संयंत्र की यूनिवर्सल कम्पनी में एरिया मैनेजर के पद पर नौकरी कर रहे थे।उन्होंने मुकेश यादव एवं राजेश कुमार यादव को यूनिवर्सल कम्पनी का डीलरशिप दे रखी थी।लेकिन दोनों भाई राजेश एवं मुकेश ने कम्पनी की आड़ में डुप्लीकेट कृषि संयंत्र का सामान बेचा करते थे।कम्पनी को इसकी भनक लग गई और राजेश एवं मुकेश से डीलरशिप छीन ली गई।इसके बाद यूनिवर्सल कम्पनी ने डायरेक्ट अपना ही शोरूम खोल लिया और मृतक कृष्ण मोहन चौधरी को पूरे एरिया का इन्चार्ज बना दिया।इसके बाद राजेश और मुकेश का धंधा ही चौपट हो गया।उसके बाद शुरू हुई मृतक को मारने की साजिश।अंत में राजेश और मुकेश इस साजिश में कामयाब भी हो गये।लेकिन कहते हैं न कि अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो कोई न कोई सबूत जरूर छोड़ देता है।ऐसी ही एक सबूत पुलिस के हाथ लग गयी।इस सबूत से पुलिस हत्याकांड की पूरी गुत्थी ही सुलझा गई।बताते चलें कि इस हत्याकांड को लेकर पुलिस पर भी काफी दबाव बना हुआ था।पुलिस कप्तान ने अपनी एक स्पेशल टीम इस हत्याकांड की जांच में लगा रखा था।वह स्वयं इसकी मॉनिटरिंग कर रहे थे।इस हत्याकांड में पुलिस ने 23 लोगों से पूछताछ की लेकिन इसके बाद भी पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा।फिर पुलिस ने राजेश और मुकेश के ड्राइवर को उठाया।बस यह तरकीब काम कर गई।ड्राइवर बितेश कुमार उर्फ बेचन ने इस हत्याकांड की सारी पोल ही खोल कर रख दी।ड्राइवर बेचन ने बताया कि करीब एक साल से व्यवसायी कृष्ण मोहन कपूर को मारने का प्लान चल रहा था।बेचन ने बताया कि कटिहार के दो अपराधी विक्की महलदार और शंकर कुमार को एक महीने पहले ही मृतक कृष्ण मोहन कपूर को मारने के लिए 10 लाख रुपये की सुपारी दी थी।दोनों शूटर को बेचन ने अपने घर डगरुआ में एक महीने तक रखा।घटना को कब और कहाँ अंजाम देना है,इसके लिए दिन और समय तय हुआ।दिन शुक्रवार और समय शाम को साढ़े 5 बजे का तय हुआ।शुक्रवार का दिन इसलिए तय हुआ कि उस दिन गुलाबबाग मंडी रहती है जिस वजह से वहां काफी भीड़ रहती है।इसका फायदा शूटर को मिला।शूटर भी गोली मारने के बाद भीड़ का फायदा उठाकर भागने में सफल हो गया।शूटर के साथ 10 लाख रुपया और एक कट्ठा जमीन पर हत्या का प्लान डील हुआ था।