झारखंडराजनीति

दिल्ली में झारखंड के स्वास्थ्य भविष्य का खाका तैयार, झारखंड को बड़ी स्वास्थ्य सौगात की तैयारी

रांची झारखंड: झारखंड के माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने आज नई दिल्ली में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री lप्रताप राव जाधव से एक महत्वपूर्ण और व्यापक बैठक की। यह बैठक झारखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र को नई दिशा देने वाली साबित हुई। दोनों मंत्रियों के बीच झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं, मेडिकल शिक्षा, आयुष प्रणाली और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं को लेकर लंबी, गंभीर और स्पष्ट चर्चा हुई। बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि झारखंड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश कई महत्वपूर्ण योजनाएं वर्षों से अधर में लटकी हुई हैं। उन्होंने कहा कि यदि अन्य राज्यों की तरह झारखंड पर भी राजनीति से ऊपर उठकर ध्यान दिया जाए, तो राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए जा सकते हैं।  स्वास्थ्य मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि झारखंड जैसे आदिवासी बहुल और पिछड़े क्षेत्रों वाले राज्य में मजबूत स्वास्थ्य ढांचा सामाजिक न्याय की बुनियाद है।स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष झारखंड में हेल्थ कॉटेज,आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय की स्थापना, राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों के सशक्तिकरण, रांची स्थित रिम्स एवं सदर अस्पताल, झारखंड में सात AI तकनीक आधारित अत्याधुनिक (हाईटेक) मेडिकल लैब स्थापित करने की ठोस मांग रखी। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के मरीजों को विश्वस्तरीय इलाज मिलेगा और मेडिकल शिक्षा व शोध को भी नई गति मिलेगी। इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री श्री प्रताप राव जाधव ने डॉ. इरफान अंसारी को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा रखी गई सभी मांगें पूरी तरह जायज और आवश्यक हैं। हालांकि, उन्होंने इस दौरान एक महत्वपूर्ण और तीखा सवाल भी उठाया। श्री जाधव ने कहा आपकी मांगें सही हैं, लेकिन मैं यह जानना चाहता हूं कि आखिर पिछले 20 वर्षों तक आपकी सरकारें और आपका विभाग कहां था? इतने वर्षों में इस तरह के ठोस प्रस्ताव केंद्र सरकार को क्यों नहीं भेजे गए? क्या आपका विभाग उस समय सो रहा था? केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि अब यदि राज्य सरकार गंभीरता से आगे बढ़ती है, तो केंद्र सरकार पूरा सहयोग देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को पहले हेल्थ कॉटेज के लिये आवश्यक भूमि उपलब्ध करानी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि कुल परियोजना लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार वहन करेगी। इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से 60 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जाएगी। श्री जाधव ने आगे कहा कि झारखंड के सभी मेडिकल कॉलेजों, रिम्स तथा सदर अस्पताल, रांची में AI तकनीक आधारित हाईटेक मेडिकल लैब स्थापित की जाएंगी। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री  को अपनी पूरी तकनीकी एवं प्रशासनिक टीम के साथ दिल्ली आने का आमंत्रण देते हुए भरोसा दिलाया कि झारखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने में केंद्र सरकार किसी भी स्तर पर पीछे नहीं हटेगी।स्वास्थ्य मंत्री  ने केंद्रीय मंत्री को आश्वस्त करते हुए कहा कि वे बहुत जल्द अपनी पूरी टीम के साथ दिल्ली आकर विस्तृत बैठक करेंगे और सभी आवश्यक प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा मैं केवल एक मंत्री नहीं, बल्कि एक चिकित्सक भी हूं। स्वास्थ्य मेरे लिए केवल एक विभाग नहीं, बल्कि एक मिशन है। झारखंड के गरीब, आदिवासी और वंचित वर्ग तक बेहतर इलाज पहुंचाना मेरी प्राथमिकता है। मैं दिन-रात इसी दिशा में काम कर रहा हूं और इसका असर आज झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था में साफ दिखाई दे रहा है। बैठक के अंत में दोनों मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जताई कि केंद्र और राज्य के समन्वय से झारखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव लाए जाएंगे। यह बैठक झारखंड के लिए नई स्वास्थ्य सौगातों की मजबूत नींव साबित होगी।

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