प्रमुख खबरें

*असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति के बाद पोस्टिंग में देरी क्यों?: राजेश राठौड़*

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/बिहार में असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली वर्ष 2020 में आई थी जिसमें राजनीति विज्ञान विषय का साक्षात्कार पांच वर्षों के बाद 17 जून से 22 जून 2025 के बीच आयोजित किया गया और परिणाम 24 जून 2025 को आया था। राजनीति विज्ञान से पहले जितने भी अन्य विषयों का परिणाम घोषित किया गया उन सभी सफल उम्मीदवारों की नियुक्ति 2-3 महीने के अंदर विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा करा दी गई लेकिन राजनीति विज्ञान विषय के परिणाम घोषित होने के तीन महीने बाद भी उम्मीदवारों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। इस पर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने बिहार लोकसेवा आयोग और बिहार सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या यह अनावश्यक विलंब इसलिए कराया जा रहा है कि किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाया जा सकें या फिर पोस्टिंग प्रक्रिया में धन उगाही का प्रयास किया जा रहा है? यह बेहद चिंता का विषय है कि किस प्रकार से बहल असिस्टेंट प्रोफेसर को अधर में लटका कर रखा गया है। इस विषय में तत्काल प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हस्तक्षेप करके पोस्टिंग की सूची जारी करनी चाहिए। पोस्टिंग प्रक्रिया में देरी से असिस्टेंट प्रोफेसर के अंदर मन में भ्रम की स्थिति है।

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने बिहार सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि क्या नीतीश सरकार आखिर 280 सफल उम्मीदवारों के भविष्य और करियर से खिलवाड़ क्यों किए जा रही है? साथ ही उन्होंने कहा कि एक ओर जहां सबको ज्ञात है कि बिहार के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी है और इससे पठन पाठन पर असर पड़ता है ऐसे में हम माँग करते हैं कि इन सभी सफल अभ्यर्थियों की अविलंब नियुक्ति सुनिश्चित की जाएं और पठन पाठन को नियमित किया जाएं। इसलिए राज्यपाल को हस्तक्षेप करते हुए अविलंब बहल असिस्टेंट प्रोफेसर को पोस्टिंग का आदेश देना चाहिए।

 

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!