किशनगंज पहुंचे जोशीमठ के परम पूज्य शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज, गौ मतदाता अभियान को दिया समर्थन

किशनगंज,17सितंबर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जोशीमठ पीठ के परम पूज्य शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज का बुधवार को किशनगंज आगमन पर भव्य स्वागत किया गया। उनके स्वागत में शहर के श्रद्धालुओं और सनातन धर्मावलंबियों में उत्साह का माहौल रहा। स्वामी जी अपने प्रवास के दौरान विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष मनोज गट्टानी के निवास पर रात्रि विश्राम करेंगे।दिगंबर जैन भवन में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए शंकराचार्य जी ने “गौ मतदाता अभियान” को ऐतिहासिक कदम बताया और युवाओं से धर्म-संस्कृति की रक्षा में सक्रिय भागीदारी निभाने का आह्वान किया। धर्मसभा के पश्चात् उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए गौ माता की रक्षा के लिए विशेष रूप से युवाओं को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया।
गौ मतदाता अभियान को बताया सनातन धर्म की रक्षा का माध्यम
शंकराचार्य जी ने कहा कि, “गौ माता हमारी संस्कृति, करुणा और धर्म की प्रतीक हैं। युवाओं को चाहिए कि वे अपने पहले मत का प्रयोग गौ माता की रक्षा के लिए करें और केवल उसी उम्मीदवार को वोट दें जो गौ हत्या पर प्रतिबंध की शपथ ले।”
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे नेताओं को वोट देना जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से गौ हत्या का समर्थन करते हैं, एक प्रकार का महापाप है, और युवाओं को इस पाप से बचना चाहिए।
गौ मतदाता अभियान के प्रमुख संदेश:
- “करे जो गौ माता पर चोट, कैसे दे हम उसको वोट?” इस नारे के ज़रिए युवाओं में नैतिक चेतना जाग्रत की जा रही है।
शपथ पत्र की मांग:
युवाओं से अपील की जा रही है कि वे प्रत्याशियों से लिखित में यह संकल्प लें कि वे गौ हत्या पर रोक लगाएंगे और गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने हेतु हरसंभव प्रयास करेंगे।
युवाओं का संकल्प:
इस अभियान के तहत एक संकल्प-पत्र भी जारी किया गया है जिसमें युवा निम्नलिखित संकल्प लेते हैं। मैं अपना वोट गौ माता को दूंगा और गौ मतदाता बनूंगा। मैं अन्य युवाओं को भी गौ माता के लिए वोट करने हेतु प्रेरित करूंगया। मैं धर्म और संस्कृति की रक्षा कर राष्ट्र निर्माण में भाग लूंगा।
“पहली रोटी गाय की, पहला वोट गाय को” बना अभियान का मूल मंत्र
अभियान से जुड़े युवाओं का कहना है कि जैसे हर सनातनी अपने घर की पहली रोटी गौ माता को अर्पित करता है, उसी तरह पहला वोट भी धर्म और गौ रक्षा को समर्पित होना चाहिए। यह अभियान विशेषकर उन नवमतदाताओं को लक्षित कर रहा है जो पहली बार मतदान करने जा रहे हैं।
धर्म और राष्ट्र की सेवा में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण: शंकराचार्य जी
धर्मसभा के अंत में शंकराचार्य जी ने कहा कि आज का युवा यदि धर्म, संस्कृति और संवैधानिक अधिकारों के साथ खड़ा होता है तो वह भारत को पुनः विश्वगुरु बना सकता है। गौ रक्षा केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उत्तरदायित्व भी है।