किशनगंज क्रिकेट में धांधली का आरोप, KDCA चुनाव पर उठे सवाल
खिलाड़ियों ने डीएम से की शिकायत, चुनाव रद्द कर नये सिरे से कराने की मांग

किशनगंज,09सितम्बर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, किशनगंज जिला क्रिकेट संघ (KDCA) के सत्र 2025-27 के चुनाव को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। जिले के कई क्रिकेट खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों ने इस चुनाव को धांधलीपूर्ण और मनमानी बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी को लिखित शिकायत पत्र सौंपा है।
शिकायत में कहा गया है कि 8 सितंबर 2025 को हुए KDCA चुनाव की प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय और नियमविरुद्ध थी। चुनाव की कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की गई, और न ही खिलाड़ियों, क्लबों या क्रिकेट से जुड़े अन्य हितधारकों को कोई सूचना दी गई। आश्चर्यजनक रूप से चुनाव के परिणाम और पदाधिकारियों के नाम सोशल मीडिया के माध्यम से घोषित किए गए, जिससे पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
‘परिवारवाद’ को बताया गया कारण
खिलाड़ियों का आरोप है कि पूर्व कार्यकारिणी के सदस्यों ने अपने रिश्तेदारों को पदों पर बैठाकर क्रिकेट संघ को ‘पारिवारिक संस्था’ बना दिया है। शिकायत में कहा गया है कि:
- पूर्व अध्यक्ष ने अपनी पत्नी को पद पर बैठाया,
- पूर्व सचिव ने अपने भाई को सचिव बनाया,
- और संयुक्त सचिव ने अपनी पत्नी को एक प्रमुख पद पर नियुक्त करवा दिया।
यह पूरा घटनाक्रम भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की नियमावली के स्पष्ट उल्लंघन के दायरे में आता है।
प्रीमियर लीग में पैसों की बंदरबांट का आरोप
खिलाड़ियों ने यह भी आरोप लगाया कि जिले में होने वाली प्राइवेट प्रीमियर लीग प्रतियोगिताएं भी संदेह के घेरे में हैं। इन आयोजनों में नियमों को ताक पर रखकर मोटी रकम वसूली जाती है और बाद में वह संघ के कुछ चुनिंदा सदस्यों के बीच बंदरबांट कर ली जाती है। इसीलिए इस बार के चुनाव में परिवार के लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई ताकि यह सिलसिला जारी रह सके।
क्रिकेट प्रेमियों में गहरा रोष, निष्पक्ष चुनाव की मांग
घटना से किशनगंज के क्रिकेट प्रेमी और युवा खिलाड़ी बेहद आहत हैं। उनका कहना है कि इस तरह की गुटबाज़ी और मनमानी से जिले में क्रिकेट का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अवसर नहीं मिल पाएगा और संघ का अस्तित्व मात्र औपचारिक रह जाएगा।
क्रिकेट प्रेमियों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि इस चुनाव को तत्काल प्रभाव से रद्द कर निष्पक्ष, पारदर्शी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत नए सिरे से चुनाव कराया जाए।
उन्होंने प्रेस और मीडिया से भी इस मुद्दे को उजागर करने और निष्पक्ष रिपोर्टिंग की अपील की है ताकि जिले में क्रिकेट को सही दिशा मिल सके।
अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस गंभीर मामले पर क्या रुख अपनाता है। खिलाड़ियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलनात्मक कदम उठाने को मजबूर होंगे।