*बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम और कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता डॉ शकील अहमद खान* ने जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार श्री बी. सुदर्शन रेड्डी पर तथ्यहीन और अनर्गल आरोप लगाए हैं। श्री रेड्डी सामाजिक न्याय की लड़ाई और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के सशक्त उम्मीदवार हैं।

मुकेश कुमार/राजेश राम और शकील अहमद ने कहा कि हम रविशंकर प्रसाद जी से पाँच सीधे सवाल पूछना चाहते हैं—1. क्या भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष को देश ने टीवी पर रिश्वत लेते नहीं देखा और क्या इसके लिए उन्हें सज़ा नहीं हुई?
2. क्या भाजपा ने जिन नेताओं को पहले भ्रष्टाचारी बताया, बाद में उन्हें गले लगाकर अपनी “वॉशिंग मशीन” में धोया नहीं—चाहे वह हेमन्त बिस्वा शर्मा हों या अजीत पवार?
3. क्या बिहार सरकार में भाजपा कोटे का एक मंत्री नकली दवाई मामले में सज़ायाफ़्ता नहीं है?
4. क्या बिहार में भाजपा-जेडीयू की सरकार पर 70 हज़ार करोड़ रुपये के गबन का आरोप नहीं है?
5. भारत के 15वें उपराष्ट्रपति का चुनाव क्यों कराना पड़ रहा है? धनकड़ जी ने किन कारणों से इस्तीफ़ा दिया, जबकि उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था?
श्री बी सुदर्शन रेड्डी जी ने सभी राष्ट्रीय राजनैतिक दल के अध्यक्षों से भेंट की उसी क्रम में बिहार के सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले लालू प्रसाद यादव जी जो की आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी भेंट की ।
उन्होंने कहा कि ये तथ्य किसी से छिपे नहीं हैं। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव कभी भी पार्टी सिंबल पर नहीं लड़ा जाता। श्री बी. सुदर्शन रेड्डी ने सभी सांसदों को पत्र लिखकर समर्थन माँगा है। भाजपा उनकी उम्मीदवारी से इसलिए भयभीत है, क्योंकि वे संविधान की मर्यादाओं के अनुरूप कार्य करेंगे, किसी व्यक्ति विशेष के निजी हितों के लिए नहीं।