किशनगंज में एक बार फिर पुलिस पर हमला, पूर्व में भी हो चुके हैं घातक हमले – तत्कालीन थानाध्यक्ष की पिट-पिटकर हुई थी हत्या

किशनगंज,07सितम्बर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, रविवार को खगड़ा रेड लाइट एरिया के पास चोरी के एक मामले में छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर हुए हमले की घटना ने एक बार फिर जिले में पुलिस पर हो रहे हमलों की कड़ी याद दिला दी है। पुलिस ने इस हमले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि किशनगंज जिले में यह कोई नई घटना नहीं है। इससे पहले भी कई बार पुलिस पर हमले हो चुके हैं। इन घटनाओं में कई आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि कुछ मामलों में अभी भी कार्रवाई जारी है।
तत्कालीन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की हुई थी निर्मम हत्या
10 अप्रैल 2021 को ढ़ेकसारा चाय बगान के पास बाइक लूट की घटना की जांच के दौरान तत्कालीन सदर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार को आरोपियों ने घेर लिया था। जब वे आरोपियों का पीछा करते हुए पश्चिम बंगाल के पांजीपाड़ा पहुंचे, तो “डकैत-डकैत” का शोर मचाकर स्थानीय लोगों ने उन्हें लाठी, डंडा, फरसा और पत्थरों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था।
इस दर्दनाक घटना में 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। अश्विनी कुमार की शहादत आज भी पुलिस महकमे के लिए एक गहरी पीड़ा और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल है।
धर्मगंज में भी हो चुका है हमला
साल 2024 में धर्मगंज मझिया रोड पर अवैध शराब बिक्री की सूचना पर छापेमारी के दौरान पुलिस टीम पर हमला किया गया था। इस हमले में तीन पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस की तत्परता से दो आरोपियों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
रविवार को महिलाओं और बच्चों ने किया हमला
रविवार की घटना में विशेष बात यह रही कि हमलावरों में अधिकतर महिलाएं और कुछ बच्चे शामिल थे। अगर मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल समय पर नहीं पहुंचता, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती थी।
हाल ही में पूर्णिया प्रक्षेत्र के डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल ने भी किशनगंज का दौरा कर पुलिस पर हुए हमलों की समीक्षा की थी और सभी मामलों में त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया था।
गौर करे कि किशनगंज में पुलिस पर लगातार हो रहे हमले न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती हैं, बल्कि पुलिस के मनोबल पर भी सीधा प्रभाव डालते हैं। ज़रूरत है कि ऐसे मामलों में कठोर और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता न हो।