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अररिया : सीडीपीओ, महिला सुपरवाइजर एवं आंगनवाड़ी सेविकाओं को बाढ़ पूर्व तैयारी, त्वरित प्रत्युत्तर एवं रिकवरी विषय पर उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित

अररिया,04अगस्त(के.स.)। अब्दुल कैय्यूम,
समाहरणालय अररिया स्थित डीआरडीए सभागार में सोमवार को यूनिसेफ, पटना बिहार इंटर एजेंसी एवं जीपीएसभीएस के सहयोग तथा आपदा प्रबंधन विभाग अररिया, बाल विकास परियोजना के मार्गदर्शन में अररिया जिला के पलासी, सिकटी, कुर्साकांटा, जोकीहाट, रानीगंज एवं फारबिसगंज प्रखंड के एकीकृत बाल विकास सेवाएँ (आईसीडीएस) के प्रखंड बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला सुपरवाइजर एवं आंगनवाड़ी सेविकाओं को बाढ़ पूर्व तैयारी, त्वरित प्रत्युत्तर एवं रिकवरी विषय पर उन्मुखीकरण किया गया।

प्रशिक्षण को सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई अररिया शंभू कुमार रजक एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मंजुला व्यास सहित उपस्थित पदाधिकारियों ने संबोधित कर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि अररिया बाढ़ के दृष्टिकोण से काफी संवेदनशील हैं। सभी को ज्ञात हो की बाढ़ से प्रतिवर्ष आम अवाम प्रभावित होते रहते हैं। आपदा के दौरान पैनिक नहीं होना है। इस समय साहस संयम एवं सहयोग से काम लेना है। बाढ़ से पूर्व एवं बाढ़ के दौरान नाजुक समूह बच्चों, दिव्यांग, बुजुर्ग, गर्भवती महिला एवं धात्री माता को विशेष ध्यान रखने की जरुरत है तथा उसे त्वरित सहायता पहुंचाना है। विभाग के कर्मी के साथ समुदाय के बीच में भी वृहत् स्तर पर जनजागरुकता किया जाना है ताकि संभावित बाढ़ आपदा का प्रभाव समुदाय पर कम से कम पड़े।

जिला सलाहकार कमल कामत ने बाढ़ पूर्व तैयारी, त्वरित प्रत्युत्तर एवं रिकवरी में प्रखंड बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला सुपरवाइजर एवं आंगनवाड़ी सेविकायों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी भी आपदा में प्रथम उत्तरदायी वहां की समुदाय एवं स्थानीय सेवाप्रदाता ही होते हैं।बाढ़ पूर्व तैयारी के लिए आंगनवाड़ी कर्मी वैसे आंगनवाड़ी केन्द्रों का पहचान करेंगे जो बाढ़ से प्रभावित हो सकता हैं। बाढ़ के दौरान संचालित के लिए व्यकल्पिक आंगनवाड़ी केंद्र के आयोजन के लिए जगहों को चिन्हित करना तथा सभी सामान को भी सुरक्षित रखना है। पोषक क्षेत्र के कुपोषित बच्चों का पहचान तथा पोषण पुनर्वास में भेजना, गर्भवती महिला का पहचान एवं संस्थागत प्रसव के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में नामांकन जिसका प्रसव मानसून के दौरान होना है।राहत शिविर में स्तनपान कार्नर, एएनसी एवं पीएनसी कार्नर का प्रबंध करना, बाढ़ के पूर्व एवं दौरान स्थानीय विभागों से नियमित समन्वयन, एवं संचार करना आवश्यक है। प्रशिक्षक प्रमोद कुमार कर्मकार द्वारा बाढ़ के दौरान अपनाने वाले जीवन रक्षक कौशल, डूबने से सुरक्षा, सर्पदंश एवं वज्रपात से सुरक्षा की जानकारी मौकड्रिल के माध्यम से दिये। कार्यक्रम में जिला के प्रखंड बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला सुपरवाइजर एवं आंगनवाड़ी सेविकाओं सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।

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