बेल्ट्रॉन कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, कई विभागों का काम ठप
नियमितीकरण, वेतन वृद्धि सहित कई मांगों को लेकर हड़ताल पर गए कर्मी
किशनगंज,18 जुलाई(के.स.)। बिहार स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बेल्ट्रॉन) के माध्यम से जिले के विभिन्न विभागों में कार्यरत डाटा इंट्री ऑपरेटर गुरुवार, 17 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल से परिवहन, उत्पाद, तथा अन्य सरकारी कार्यालयों के दैनिक कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
परिवहन विभाग की सेवाएं प्रभावित
किशनगंज परिवहन विभाग में कार्यरत डाटा इंट्री ऑपरेटरों के हड़ताल पर जाने से ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन निबंधन, परमिट आदि से जुड़े कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कर्मियों ने इस संबंध में जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) को लिखित सूचना देकर अपनी उपस्थिति से अलग रहने की जानकारी दी है।
उत्पाद विभाग में भी रुक गया कम्प्यूटर कार्य
उत्पाद विभाग में भी बेल्ट्रॉन से प्रतिनियुक्त ऑपरेटर हड़ताल में शामिल हो गए हैं। ये कर्मचारी कम्प्यूटर आधारित डाटा प्रविष्टि, रिपोर्टिंग, और प्रशासनिक कार्यों को संपादित कर रहे थे।
हड़ताल के चलते इन कार्यों में ठहराव आ गया है।
क्या हैं बेल्ट्रॉन कर्मियों की मांगें?
हड़ताल पर गए कर्मियों का कहना है कि वे वर्षों से राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं व विभागीय कार्यों को पूरी निष्ठा से संपादित कर रहे हैं।
इसके बावजूद—
- उनकी नियमितीकरण की मांग लंबित है
- वेतन वृद्धि और अन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं दिए जा रहे हैं
- भविष्य की नौकरी सुरक्षा भी सुनिश्चित नहीं है
कर्मियों ने बताया कि यह आंदोलन राज्यव्यापी है, और संघ के निर्देशानुसार आगे की रणनीति तय की जाएगी।
एक प्रदर्शनकारी कर्मी ने बताया —“हम सरकार की योजनाओं में अहम भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन हमें स्थायित्व और सम्मानजनक वेतन नहीं मिल रहा है। जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया?
अब तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, विभागीय कार्यों की निरंतरता बनाए रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
बेल्ट्रॉन कर्मियों की इस हड़ताल का असर जिले के प्रशासनिक ढांचे पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है।
अब देखना यह होगा कि सरकार इन मांगों पर क्या रुख अपनाती है और यह हड़ताल कितनी लंबी खिंचती है।