किशनगंज : ओवरलोड डंपर के परिचालन से सरकारी राजस्व में भारी नूकसान, क्या परिवहन विभाग कर रही है अनदेखी?

किशनगंज,18जुलाई(के.स.)। बिहार में ओवरलोड वाहनों का प्रवेश लगातार जारी है, और ऐसा प्रतीत होता है मानो परिवहन विभाग इसपर आंख मूंदे बैठा हो। पश्चिम बंगाल से सटे किशनगंज जिले के गलगलिया बॉर्डर से भारी संख्या में ओवरलोड वाहन बेधड़क बिहार में दाखिल हो रहे हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गलगलिया चेकपोस्ट, जहां विभाग की तैनाती होती है इसके बावजूद भी ओवरलोड का तांडव नहीं रूक रहा।
गौर करे कि ठाकुरगंज-बहादुरगंज मार्ग पर मंगलीहाट के समीप बना टोल प्लाजा में लगे सीसीटीवी कैमरे इसका बड़ा सबूत बनकर सामने आ सकता है! जहां से होकर ओवरलोड वाहनों का जखीरा गुजर रहा है। लोगों का कहना है कि बंगाल के चक्करमारी से शुरू होकर बिहार के गलगलिया, ठाकुरगंज और पौआखाली तक ओवरलोड का अवैध नेटवर्क सक्रिय है।
एंट्री माफिया’ की संलिप्तता:
सूत्रों के अनुसार, इस अवैध खेल के पीछे एक संगठित गिरोह सक्रिय है, जिसे ‘एंट्री माफिया’ कहा जा रहा है। ये माफिया बॉर्डर और चेकपोस्ट पर रेकी कर ओवरलोड वाहनों को सुरक्षित पास कराने में मदद करते हैं।
कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि यदि विभाग सिविल ड्रेस में टोलप्लाजा या रूट पर तैनात हो तो इस खेल का पर्दाफाश हो सकता है। ओवरलोड वाहनों के परिचालन से बिहार सरकार के राजस्व को भारी नुकसान पहुंच रहा है। ना सिर्फ रोड टैक्स की चोरी हो रही है, बल्कि सड़कों पर भारी दबाव के कारण अधोसंरचना भी क्षतिग्रस्त हो रही है।
इस मुद्दे पर जब परिवहन विभाग के मोटरयान निरीक्षक (MVI) से संपर्क किया गया तो उन्होंने “पद और गाइडलाइंस” का हवाला देते हुए बयान देने से इनकार कर दिया। अधिकारियों से जब मंतव्य जानना चाहा गया तो वे कहते हैं कि इस विषय पर अधिकृत नहीं हैं।
अब सवाल यह उठता है कि जब चेकपोस्ट पर अधिकारी मौजूद रहते हैं तो ओवरलोड वाहन कैसे पार हो जाते हैं?
नोट: खबर प्रकाशित करने से पूर्व संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया गया। अतः प्रकाशित होने के बाद यह न कहा जाए कि मंतव्य नहीं मांगा गया था।
रिपोर्ट: धर्मेन्द्र सिंह/फरीद अहमद