किशनगंज : बरसात में बीमारियों का बढ़ा खतरा: डायरिया और टायफाइड के मामलों में बढ़ोतरी, स्वास्थ्य विभाग सतर्क

किशनगंज,16जुलाई(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में लगातार हो रही बारिश के बीच बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ गया है। हाल के दिनों में बच्चों में डायरिया और बड़ों में मियादी बुखार (टायफाइड) के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। बदलते मौसम, गंदगी, दूषित पानी और अस्वच्छ खानपान से फैलने वाले इन रोगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने विशेष सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।
मियादी बुखार: समय पर इलाज नहीं तो हो सकता है घातक
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मंजर आलम के अनुसार, मियादी बुखार सालमोनेला टायफी नामक बैक्टीरिया से होता है, जो दूषित पानी व खाद्य पदार्थों से शरीर में प्रवेश करता है। उन्होंने बताया, “मियादी बुखार के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, कमजोरी, पेट दर्द, भूख न लगना, उल्टी-दस्त और बड़ों में कब्ज शामिल हैं। यह सामान्य बुखार से अधिक खतरनाक है और समय पर चिकित्सकीय सलाह व एंटीबायोटिक उपचार से ही ठीक होता है। लापरवाही जानलेवा हो सकती है।”
बच्चों में डायरिया के मामले चिंताजनक, स्वास्थ्य विभाग चला रहा विशेष अभियान
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि जिले में डायरिया से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ी है। इसके पीछे वायरस, बैक्टीरिया, दूषित भोजन व फूड पॉइजनिंग प्रमुख कारण हैं। “अगर बच्चा बार-बार पानी जैसा मल त्याग करे और उसकी सक्रियता कम हो जाए तो यह डायरिया हो सकता है। ऐसे में ओआरएस व जिंक का प्रयोग आवश्यक है।”
डायरिया की रोकथाम के लिए जिले में 15 जुलाई से 14 सितंबर तक “स्टॉप डायरिया अभियान” चलाया जा रहा है। इसके तहत आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर ओआरएस-ज़िंक का वितरण, स्वास्थ्य परामर्श और स्वच्छता से जुड़ी जागरूकता गतिविधियाँ कर रही हैं। सभी प्रखंडों में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों द्वारा इस अभियान का शुभारंभ किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की सलाह: अपनाएं यह सावधानियां
सिविल सर्जन डॉ. चौधरी ने लोगों से अपील की है कि वे निम्नलिखित उपाय अपनाकर मौसमी रोगों से बच सकते हैं:
- खुले या दूषित खाद्य व पेय पदार्थों से परहेज करें
- ठेले पर बिकने वाले पेयों, बर्फ व बर्फीले उत्पादों से बचें
- फल-सब्जी को धोकर ही उपयोग करें
- हाथों की स्वच्छता बनाए रखें – खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोएं
- उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं
- बच्चों को हल्का और ताजा भोजन दें
- दस्त, उल्टी या बुखार की स्थिति में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें
- बिना डॉक्टर की सलाह दवा न लें
खाद्य सुरक्षा पर विशेष ध्यान जरूरी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि गर्मी और नमी में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। ऐसे में पके भोजन को लंबे समय तक खुला न छोड़ें। भोजन को 6°C से नीचे या 60°C से ऊपर के तापमान पर सुरक्षित रखें। कच्चे और पके खाद्य पदार्थों को अलग रखें। बासी भोजन को बार-बार गर्म करने से बचें, खासकर बच्चों के लिए।
जिलाधिकारी की अपील: “हर घर में हो जानकारी, हर मां हो सजग”
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा, “बरसात के मौसम में बीमारियों से बचाव के लिए समुदाय का सजग होना जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग की पहल के साथ आमजन की भागीदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। स्टॉप डायरिया अभियान से जुड़ें, जागरूक रहें और समय रहते डॉक्टर से सलाह लें। सावधानी ही सुरक्षा है।”
गौर करे कि डायरिया और टायफाइड जैसे रोग मानसून में आम हैं, लेकिन यदि सही समय पर ध्यान न दिया जाए तो ये जानलेवा हो सकते हैं। अभिभावकों, शिक्षकों और समाज के सभी लोगों की यह जिम्मेदारी है कि वे बच्चों की सेहत का ध्यान रखें और किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें।