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किशनगंज : नशा मुक्ति और ओरल कैंसर पर बीएसएफ कैम्प में स्वास्थ्य कार्यशाला आयोजित

किशनगंज,24 जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य विभाग किशनगंज के तत्वावधान में मंगलवार को बीएसएफ कैम्प परिसर में “नशा मुक्ति, ओरल स्क्रीनिंग, ओरल कैंसर एवं अन्य गैर संचारी रोगों (NCDs)” को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह विशेष कार्यक्रम एनसीडीओ डॉ. उर्मिला कुमारी के नेतृत्व में संपन्न हुआ, जिसमें बीएसएफ जवानों एवं अधिकारियों को नशे के दुष्प्रभाव, कैंसर की प्रारंभिक पहचान, और अन्य गैर संचारी रोगों की गंभीरता के बारे में जानकारी दी गई।

सिविल सर्जन डॉ. राजकुमार चौधरी ने कहा, “नशा मुक्त समाज की कल्पना तभी साकार हो सकती है जब हम जमीनी स्तर पर जागरूकता फैलाएं। बीएसएफ जैसे अनुशासित बलों में इस तरह की पहल ना सिर्फ जवानों के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाएगी बल्कि वे समाज के लिए भी प्रेरणा बनेंगे।”

उन्होंने बताया कि मौखिक कैंसर की पहचान समय रहते हो जाए तो इसका इलाज संभव है, और इसके लिए ओरल स्क्रीनिंग जरूरी है।

नशा मुक्ति से जीवनशैली सुधार तक

एनसीडीओ डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि तंबाकू, गुटखा, बीड़ी, शराब जैसी चीजें मौखिक कैंसर और कई अन्य गंभीर बीमारियों का मुख्य कारण हैं। उन्होंने कहा कि हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और फेफड़ों के रोग जैसे एनसीडी प्रारंभिक लक्षणों से समय पर पहचान लिए जा सकते हैं। इस मौके पर नि:शुल्क मौखिक जांच की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई, जिसमें दांत, मसूड़ों और जीभ की स्क्रीनिंग की गई। संदिग्ध मामलों को आगे की जांच के लिए रेफर किया गया।

जागरूकता से बढ़ेगी रोगों से लड़ने की क्षमता

कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कहा कि नशा छोड़ना कठिन जरूर है, लेकिन यह असंभव नहीं। इसके लिए चिकित्सकीय परामर्श, पारिवारिक सहयोग और स्वस्थ जीवनशैली जरूरी है। योग, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव से दूरी जैसे उपाय भी इसमें सहायक होते हैं। बीएसएफ के जवानों ने सक्रिय भागीदारी निभाई और कई ने मौके पर ही नशा छोड़ने की शपथ ली। स्वास्थ्य विभाग की ओर से नशा मुक्ति से संबंधित पंपलेट्स भी वितरित किए गए।

स्वास्थ्य विभाग की योजना और सक्रियता

डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा कि एनसीडी सेल के तहत चलाए जा रहे इस प्रकार के कार्यक्रमों का मकसद सिर्फ जानकारी देना नहीं, बल्कि व्यवहार में बदलाव लाना है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में कॉलेजों, पंचायतों और अन्य संस्थानों में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

कार्यशाला में एनसीडी टीम, चिकित्सक, दंत चिकित्सक, हेल्थ एजुकेटर और बीएसएफ अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में डॉ. उर्मिला ने आभार जताते हुए कहा, “एक स्वस्थ और नशामुक्त राष्ट्र की नींव तभी रखी जा सकती है जब हर नागरिक खुद से शुरुआत करे। किशनगंज जैसे सीमावर्ती जिले में ऐसे कार्यक्रमों की खास महत्ता है।”

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