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राज्य सरकार किसानों को ससमय उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध – विजय कुमार सिन्हा

मनीष कुमार कमलिया/माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि शारदीय (खरीफ) 2025 मौसम के लिए भारत सरकार द्वारा बिहार राज्य हेतु 10.32 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 2.20 लाख मीट्रिक टन डी॰ए॰पी॰, 2.50 लाख मीट्रिक टन एन॰पी॰के., 0.50 लाख मीट्रिक टन एम॰ओ॰पी॰ तथा 0.75 लाख मीट्रिक टन एस॰एस॰पी॰ उर्वरकों की आवश्यकता का निर्धारण किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में उर्वरकों की आपूर्ति और भंडारण की स्थिति बेहतर है तथा किसी भी जिले में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि आज दिनांक 18 जून 2025 तक राज्य में 3.74 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 0.93 लाख मीट्रिक टन डी॰ए॰पी॰, 2.33 लाख मीट्रिक टन एन॰पी॰के॰, 0.69 लाख मीट्रिक टन एम॰ओ॰पी॰ और 0.92 लाख मीट्रिक टन एस॰एस॰पी॰ का भंडार उपलब्ध है।
माननीय उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उर्वरकों की कालाबाजारी, अवैध भंडारण एवं अधिक मूल्य पर बिक्री को रोकने हेतु राज्य सरकार सतर्क एवं सक्रिय है। उन्होंने बताया कि शारदीय (खरीफ) 2025 के दौरान अब तक 1 उर्वरक प्रतिष्ठान के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा 42 उर्वरक विक्रेताओं के प्राधिकार पत्र रद्द किए गए हैं। उन्होंने सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे जिला एवं प्रखंड स्तरीय उर्वरक निगरानी समितियों की बैठक नियमित रूप से आयोजित करें तथा प्रखंडवार उप-आवंटन क्षेत्र की आवश्यकता एवं आच्छादन के अनुसार सुनिश्चित करें।
उन्होंने यह भी कहा कि उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों में पॉस मशीन में दर्शाई गई उर्वरक मात्रा एवं भौतिक रूप से उपलब्ध मात्रा का सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाए तथा किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर त्वरित विधिसम्मत कार्रवाई की जाए। इसके अतिरिक्त, उर्वरकों की कालाबाजारी रोकने एवं अधिक मूल्य पर विक्रय को नियंत्रित करने हेतु नियमित छापामारी एवं निरीक्षण के लिए कृषि विभाग के पदाधिकारियों की विशेष जांच टीम का गठन किया जाये।
माननीय उप मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे जिलों में उर्वरक की तस्करी रोकने के लिए सशस्त्र सीमा बल (एस.एस.बी.) के साथ समन्वय स्थापित कर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अनियमितता की सूचना तुरंत जिला कृषि कार्यालय को दें ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके। राज्य सरकार किसानों को समय पर, पर्याप्त मात्रा में और उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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