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महाबोधी महाविहार बचाओं संघर्ष मोर्चा का विशाल धरना

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/गर्दनीबाग थाना के समीप विशाल धरना का आयोजन किया गया। धरना का मुख्य कारण बोधगया स्थित महान सम्राट अशोक द्वारा 2300 वर्ष पूर्व निर्मित महाबोधी महाविहार का प्रबंधन असम्बैधानिक बी.टी. एक्ट 1949 से संचालित करने के विरोध स्वरूप है। विश्व के हर धर्म सम्प्रदाय के पवित्र स्थल उनके अनुयायियों द्वारा प्रबंधित किये जाते हैं। किन्तु बोधगया महाविहार के प्रबंधन में बौद्ध एवं हिन्दु दोनों को समान भागीदारी दी गई है, जो विवाद का मुख्य कारण है। तथागत् बुद्ध की ज्ञान स्थली की व्यवस्था में गैर बौद्ध को सम्मिलित किये जाने से जब-तब बुद्ध की विचार धारा, मान्यता एवं सिद्धांत के विरूद्ध हिन्दु कार्मकाण्ड, पूजा-अर्चना आदि सम्पन्न कराने की घटना प्रकाश में आते रहती है। विगत् 12 मई बैसाख पूर्णिमा के दिन चुपके-चुपके गर्भ गृह में महामहिम बिहार सरकार के हाथों प्रबंधन कमिटी द्वारा शिवलिंग की पूजा कराई गई, जिससे विश्व भर के बौद्धों में काफी आक्रोश है। इतनी बड़ी गलती करने वाले प्रबंधन कर्मियों को अब तक बर्खास्त नहीं किया गया है जिससे वह अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रबंधन कमिटी के इस कृत को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है। 1 धरना के माध्यम से हम सभी सरकार से माँग करते हैं कि बी.टी. एक्ट 1949 को तत्काल रद्द किया जाए। 2. महाबोधि महाविहार का प्रबंधन व्यवस्था पूर्णतः बौद्धों के हाथ सौंपा जाय। 3 गया जी के तत्कालीन जिलाधिकारी को बर्खास्त किया जाय। उक्त जानकारी मोर्चा के संयोजक श्रीनाथ सिंह बौद्ध, ट्रष्टी सह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दी बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इण्डिया ने दी। कार्यक्रम को सम्बोधित करने वालों में सुभाष कुमार, बिनोद सिंह कुशवाहा, भंते नाग दीपांकर, अमर सहारे, ब्रजकिशोर सिंह कुशवाहा, आर.पी. रत्नाकार, डॉ० महबूब आलम, कामेश्वर कुमार आदि प्रमुख थे।

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