ताजा खबर

*बिहार में 20 वर्ष में वन क्षेत्र बढ़कर हो गया दो गुणा से अधिक*

– बिहार में 2005 में 7.4 प्रतिशत वन क्षेत्र ही था मौजूद, 2024 में यह बढ़कर हो गया 15.5 प्रतिशत

– अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर पर्यावण वन एवं जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम में मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने किया संबोधन

त्रिलोकी नाथ प्रसाद।बिहार में 2005 में वन क्षेत्र महज 7.65 प्रतिशत था। 2024 में यह बढ़कर 15.05 प्रतिशत हो गया। 20 वर्ष में इसमें दो गुणा से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। ये बातें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने कही। वे अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर शहर के चिड़ियाघर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रत्येक वर्ष 22 मई को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का आयोजन कराया जाता है।
इस मौके पर मंत्री ने कहा कि सरकार की योजना 2028 तक सूबे के हरित आवरण को बढ़ाकर 17 फीसदी करने की योजना है। इसके लिए विभागीय स्तर पर तेजी से कवायद शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि 2005 का बिहार अंधकार और गड्ढों का बिहार था। आज का बिहार देश में सबसे तेज गति से चलने वाला राज्य है। राष्ट्रीय विकास दर से कहीं अधिक बिहार की विकास दर 12 फीसदी के आसपास है। उन्होंने कहा कि जैव विविधता में तेजी से आ रहे बदलाव या इसमें हुए नुकसान का दुष्प्रभाव जलवायु पर सीधे तौर से पड़ रहा है। इससे जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, भूमि क्षरण जैसे अनेक कुप्रभाव सामने आ रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी आदिवासी और अनुसूचित जाति के गांवों को चिन्हित करके इन्हें विकसित किया जाएगा। इन गांवों के लोगों को 20 एकड़ भूमि दी जाएगी, जिस पर फल के पेड़ लगाए जाएंगे। इससे हरित आवरण बढ़ने के साथ ही जैव विविधता का विकास भी होगा।
विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हारा ने कहा कि राज्य में 133 आद्र भूमि है, जिसका क्षेत्रफल 100 एकड़ से अधिक है। इन्हें संरक्षित करके रखेंगे, तो जैव विविधता को बनाए रखने में यह बड़ा सहायक साबित होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में तीन प्रमुख रामसर साइट बेगूसराय का कांवर झील, जमुई का नागी नकटी समेत अन्य शामिल हैं। इसके अलावा राज्य में अन्य साइट्स की खोज की जा रही है। इसमें छपरा में चिरांद, औरंगाबाद के भीम इलाके और बिहारशरीफ में ऐसा स्थान शामिल हैं। इन स्थानों को मिलाकर 2 हजार 592 हेक्टेयर क्षेत्र को विकसित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि जैव विविधता को लेकर कॉमन एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। इसमें सभी विभागों और सिविल सोसाइटी के लोगों को भी शामिल किया जाएगा।

इस मौके पर सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों के 1165 विद्यार्थियों को चित्रांकन एवं फोटोग्राफी प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के दौरान सचिव एस. चन्द्रशेखर, वन संरक्षक प्रधान प्रभात कुमार गुप्ता एवं अन्य अधिकारी भी मौजुद थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button