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किशनगंज : फाइलेरिया के खिलाफ बिहार की नई रणनीति: हर जिले में एक साथ दवा सेवन अभियान

साल में एक बार होगा अभियान, 2026-27 से लागू होगी संशोधित फाइलेरिया उन्मूलन गाइडलाइन

पटना,22मई(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, फाइलेरिया जैसी घातक बीमारी के उन्मूलन की दिशा में बिहार एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। अब पूरे राज्य के सभी जिलों में साल में एक बार एकसाथ सर्वजन दवा सेवन (MDA) कार्यक्रम चलाया जाएगा। यह निर्णय भारत सरकार द्वारा जारी नई संशोधित फाइलेरिया उन्मूलन गाइडलाइन के तहत लिया गया है, जिसका क्रियान्वयन वित्तीय वर्ष 2026-27 से किया जाएगा।

गौरतलब है कि सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी, जिसे वर्ष 2023 में प्रखंड स्तर पर पुनः लागू किया गया। अब इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एकीकृत रूप से पूरे राज्य में एक साथ संचालित करने का निर्णय लिया गया है।

नई गाइडलाइन पर राज्यस्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम

संशोधित गाइडलाइन को लेकर बुधवार को एक वर्चुअल राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता करते हुए डॉ. श्यामा राय, अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (फाइलेरिया), ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए एमडीए अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन और आईएचआईपी पोर्टल पर समय पर रिपोर्टिंग की आवश्यकता पर बल दिया।

इस अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के स्टेट एनटीडी कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय ने संशोधित फाइलेरिया उन्मूलन गाइडलाइन के विभिन्न पहलुओं—जैसे एमडीए, नाईट ब्लड सर्वे, और टास पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने प्रतिभागियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि गाइडलाइन शीघ्र ही सभी जिलों को उपलब्ध कराई जाएगी।

एमएमडीपी सेवाओं और वार्षिक गतिविधि कैलेंडर की प्रस्तुति

राज्य फाइलेरिया सलाहकार डॉ. अनुज सिंह रावत ने फाइलेरिया से प्रभावित मरीजों को दी जाने वाली एमएमडीपी (मॉरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रिवेंशन) सेवाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मरीजों को जरूरी किट वितरित की जा रही हैं और सभी रिपोर्टिंग आईएचआईपी पोर्टल पर अनिवार्य है।

कार्यशाला में पहली बार राज्य सलाहकार द्वारा सभी सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर वार्षिक गतिविधि कैलेंडर तैयार किया गया, जिसे साझा भी किया गया। डॉ. रावत ने यह भी बताया कि हर महीने राज्य के चार जिलों का भ्रमण कर कार्यक्रम की समीक्षा की जाएगी। हाइड्रोसील मरीजों के ऑपरेशन की स्थिति पर भी विस्तृत जानकारी दी गई।

वित्तीय विषयों पर हुई चर्चा

राज्य फाइलेरिया कार्यालय से प्रभात कुमार ने कार्यक्रम से जुड़े वित्तीय पहलुओं पर जानकारी दी और उपस्थित अधिकारियों के सवालों का समाधान किया।

राज्यव्यापी समन्वय से फाइलेरिया पर निर्णायक प्रहार की तैयारी

कार्यशाला में सभी 38 जिलों के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, फाइलेरिया पदाधिकारी, सहयोगी संस्थानों के प्रतिनिधि व राज्य स्तरीय अधिकारी शामिल हुए। यह कार्यक्रम राज्य में फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए सुदृढ़ और समन्वित रणनीति की ओर एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।

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