किशनगंज : प्रसव पूर्व जांच से सुरक्षित मातृत्व को मिल रही गति: स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह मुस्तैद
जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर एएनसी जांच की सुविधा उपलब्ध, गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकीय सलाह पर लें आयरन और कैल्सियम की दवा, प्रोटीनयुक्त आहार से मातृ व शिशु स्वास्थ्य बेहतर

किशनगंज, 19 मई(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में सुरक्षित मातृत्व और प्रसव को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी सतर्कता के साथ कार्य कर रहा है। सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करने के लिए प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) अत्यंत आवश्यक है। अब जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर एएनसी जांच की सुविधा उपलब्ध हो जाने से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को काफी राहत मिली है।
डॉ. चौधरी ने बताया कि सदर अस्पताल के साथ-साथ अनुमंडल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी जांच और उपचार की समुचित व्यवस्था है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर सीएचओ व एएनएम की निगरानी में गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच की जाती है। साथ ही, हर बुधवार और शुक्रवार को आरोग्य दिवस के मौके पर आंगनबाड़ी केंद्रों में भी जांच की सुविधा दी जाती है।
प्रसव पूर्व चार चरणों में होती है जांच
डॉ. चौधरी ने बताया कि गर्भधारण के बाद महिलाओं की चार चरणों में जांच जरूरी होती है। पहली जांच 12वें सप्ताह तक, दूसरी 14 से 26वें सप्ताह, तीसरी 28 से 34वें सप्ताह और चौथी जांच 36वें सप्ताह से प्रसव तक की जाती है। यह सभी जांचें नि:शुल्क हैं और महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे डॉक्टर के निर्देशानुसार आयरन और कैल्सियम की दवा नियमित रूप से लें।
डॉक्टर की सलाह पर लें आयरन-कैल्सियम, प्रोटीनयुक्त आहार जरूरी
सदर अस्पताल की महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शबनम यास्मीन ने बताया कि एएनसी जांच का उद्देश्य मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना है। प्रत्येक माह 9 और 21 तारीख को एएनसी शिविर लगाए जाते हैं, हालांकि गर्भवती महिलाएं किसी भी दिन चिकित्सकीय सलाह प्राप्त कर सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि गर्भवती महिलाओं को दूध, अंडा, मछली, मांस, हरी सब्जियों आदि का भरपूर सेवन करना चाहिए। शाकाहारी महिलाओं को विशेष रूप से हरी सब्जियों, फल और दूध पर ध्यान देना चाहिए।
प्रसव से पहले की तैयारियां जरूरी
डॉ. यास्मीन ने प्रसव के समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि समय पूर्व जरूरी व्यवस्था कर लें, जैसे कि एम्बुलेंस या वाहन की व्यवस्था, संभावित रक्तदाताओं की सूची तैयार रखना आदि। इससे आपात स्थिति में किसी प्रकार की परेशानी से बचा जा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग की इस मुहिम से जिले में मातृत्व सुरक्षा को नया बल मिल रहा है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे समय पर जांच कराएं और चिकित्सकीय सलाह का पालन कर सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करें।