राजद के राज्यसभा सांसद प्रो0 मनोज कुमार झा जी के संवाददाता सम्मेलन का वक्तव्य
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मुकेश कुमार/राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता सह राज्यसभा सांसद प्रो0 मनोज कुमार झा जी ने पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता, प्रदेश प्रवक्ता अजय कुमार सिंह, अरूण कुमार यादव, प्रमोद कुमार सिन्हा, आरजू खान जी की उपस्थिति में राजद प्रदेश कार्यालय के कर्पूरी सभागार में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जी पूरे दौर की अपनी आखरी चरण के कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम पर निकल रहे हैं जिसमे नालंदा, नवादा और पटना शामिल है। तेजस्वी यादव जी ने अब तक के कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम के दौरान प्रत्यक्ष तौर पर सारे जिले के पंचायत स्तर तक के कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद स्थापित की और उनकी बातों को सुनी। बाकी अलग-अलग हिस्सों में दल के लोग अलग-अलग परिचर्चा में शामिल हो रहे हैं। एक चीज जो बिहार के सर्वेक्षण के मद्देनजर सबसे खौफनाक, डरावनी नजर आयी थी, वो गरीबी का सीमा और उन परिवारों तकरीबन करोड़ों के आसपास ऐसे परिवार थे जिनको आर्थिक सबलीकरण की आवश्यकता थी। आर्थिक सबलीकरण के मद्देनजर तेजस्वी यादव जी ने हवा में नहीं, एक ब्लू प्रिंट के अधार पर माई बहिन मान योजना के तहत 2500 रुपया प्रतिमाह चिन्हित करना, लक्षित करना, एक उद्देश्य माना गया। हमारा मानना है कि बिहार जैसे राज्य में जिस योजना की घोषणा की है उस राज्य में जिसको हम कहते हैं उपभोग, अर्थ व्यवस्था उपभोग जेनरेट करने से भी स्वतः स्वचालित होती है, बेहतर होती है। उसके मद्देनजर तेजस्वी यादव ने माई बहिन मान योजना की घोषणा की है और यह घोषणा क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। उपभोग पैटर्न में और आर्थिक गतिविधियां जो मृतप्राय है स्थिर है उनमें भी तेजी आएगी।
प्रो0 झा ने आगे कहा कि निम्न आय वर्ग क्या कहें, माध्यम आय वर्ग भी बिजली की दरों से परेशान है उसमें एक कटौती अगर 200 यूनिट तक कोई शुल्क नहीं लग रहा है तो यह बड़ी आबादी को बड़ा रलीफ है इसलिए तेजस्वी यादव जी ने 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की है। समाजिक सुरक्षा पेंशन योजना और बृद्धा पेंसन योजना के तहत 400 सौ रुपया यानी 13 रुपया 33 पैसा मिलता है यह हास्यपद है, परेशान करने वाला है। उसको चार सौ से बढ़ाकर 15 सौ करने का घोषणा किया है। डोमिसाइल को लेकर तेजस्वी यादव की लगातार विधि विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं जो हमे डोमिसाइल को लेकर रास्ता दिखायेगा। बिहार में रोजगार पर पहला हक स्थानीय निवासियों का होना चाहिए। उस डोमिसाइल को लेकर ताकि कोर्ट में बाद में खारिज नही हो तेजस्वी यादव जी चाक चैबंद व्यवस्था लेकर आ रहे है। एक महत्वपूर्ण विषय पर भी तेजस्वी यादव एक ब्लू प्रिंट पर काम कर रहे हैं। कम आय वाले वर्ग के छात्र और युवा एक फॉर्म भरने के बाद दुसरा, तीसरा फर्म भरने के लिए कर्ज लेना पड़ता है। उसको कैसे एक मुश्त लिव दिया ताकि वो परीक्षा के परिपत्र भर सके, छोटे मोटे यात्रा कर सके ऐसी व्यवस्था लेकर आ रहे हैं। तेजस्वी यादव जी ने बराबर कहा है बिहार में हमारा राजनीतिक संघर्ष किसी दल से नहीं है, किसी व्यक्ति से नहीं है। हमारा संघर्ष बिहार के बेरोजगारी, महंगाई, पलायन, गरीबी से है। आप अगर 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव याद रखें तो कितना राजनीतिक धार्मिक धुर्वीकरण की कोशिश की गयी लेकिन बिहार की अवाम ने मुहर लगाई नौकरी पर, स्वास्थ्य व्यवस्था की बेहतरीन पर। तेजस्वी यादव का बिहार की चुनौतियों से संघर्ष है। बिहार को कैसे अफसरशाही के चंगुल से मुक्त किया जाय क्योंकि जन प्रतिनिधि, पंचायत स्तर से लेकर राज्य स्तर तक उनके अधिकारों की कटौती लगातार हो रही है। उसको कैसे बहला किया जाए ताकि रिटायर्ड अधिकारी पूरे बिहार को अपने चंगुल में रख सके। दाखिल-खारिज से लेकर तमाम जनता से जुड़े समस्या तेजस्वी यादव जी के कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम के माध्यम से सामने आया है।
आगे उन्होंने कहा कि मुद्दा यह नहीं कि पार्टी ऐ किस तरह की अशोभनीय टिप्पणी कर रही है और पार्टी बी क्या कह रही है। महत्वपूर्ण यह है राष्ट्रीय जनता दल के लिए हमारे नेतृत्व के लिए जो हम विकल्प लेकर आना चाहते हैं वो आर्थिक समावेश का है, सामाजिक न्याय का है, आर्थिक सबलीकरण और सामाजिक सौहार्द का है।
लोकसभा चुनाव के बाद 2024 में एक बजट आया उसमें कुछ आवंटन हुए और अभी 2025 में एक बजट आया उसमे कुछ आवंटन हुए हैं। दोनों बजट को क्रमवार देख लीजिए या तो नए आवरण में रख दिया है या तो पुराने नाम को नया नाम रख दिया है। बिहार को आज के डेट में अगर जरूरत है तो बिहार को विशेष राज्य की दर्जा की।