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माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने दलितों को दिया अधिकार और सम्मान: हिमराज राम।..

मुकेश कुमार/जद (यू0) प्रदेश प्रवक्ता श्री हिमराज राम ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि जिनके माता-पिता के शासनकाल में दलितों ने बिहार में नरसंहारों का दंश झेला आज उन दलित समुदाय के लोगों को माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने अधिकार और सम्मान दिलाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि गरीबी और पिछड़ेपन के चलते दलित समुदाय लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल में हाशिए पर चला गया था उसे आज माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने समाज में ऊंचा उठाने का काम किया है।
पार्टी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि साल 2005 में सत्ता संभालते ही माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने दलितों के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उत्थान के लिए कई क्रांतिकारी फैसले लिए। जिस लालू-राबड़ी के शासनकाल में दलित समुदाय के लोग विकास के अंतिम पायदान पर खड़े थे उन्हें माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने सम्मान देने का काम किया। साल 2011 से आयोजित सभी जिलों के महादलित टोलों/गांवों में स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडोत्तोलन कार्यक्रम के दौरान उस महादलित टोले के बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा झंडोत्तोलन किया जाता है। साल 2006 में बिहार पंचायत राज अधिनियम लागू किया गया जिसके तहत अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए उनकी आबादी के अनुरुप आरक्षण का प्रावधान किया गया। साल 2007 में त्रिस्तरीय पंचायतों की तरह ही नगर निकायों के निर्वाचन में भी इन वर्गों के लिए आबादी के अनुरुप आरक्षण कर उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया। 2008-2009 में मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मेधावृत्ति योजना लागू की गयी। इसके तहत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को प्रथम श्रेणी से मैट्रिक परीक्षा पास करने पर 10,000 रु की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। साथ ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए छात्रवृत्ति में लगभग 100 प्रतिशत की वृद्धि की गई।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदाय के छात्रों के लिए साल 2005 के बाद छात्रावास योजना चलायी जा रही है जहां इसके तहत राज्य में अनुसूचित जाति के लिए 98 एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 14 छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मेधावृत्ति योजना चलायी जा रही है जिसके तहत साल 2016-17 से 10वीं कक्षा में द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण होने पर अनुसूचित

जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को भी 8,000 रु की प्रोत्साहन राशि तथा 12वीं कक्षा में प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर छात्राओं को क्रमशः 15,000 एवं 10,000 रु की प्रोत्साहन राशि के भुगतान की शुरुआत की गयी। अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के युवा एवं युवतियों में उद्यमिता के विकास को प्रोत्साहित करने तथा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करने हेतु साल 2018 से मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत कुल परियोजना (प्रति ईकाई) अधिकतम 10 लाख रुपए का 50 प्रतिशत अधिकतम 5 लाख रुपए ब्याज रहित ऋण स्वीकृत किया जाता है। शेष 50 प्रतिशत राशि अधिकतम 5 लाख रुपए विशेष प्रोत्साहन योजनान्तर्गत अनुदान/सब्सिडी के रुप में दी जाती है।
राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्र-छात्राओं के उच्च शिक्षा दर में वृद्धि करने के उद्देश्य एवं छात्रावास संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्रावास अनुदान योजना वर्ष 2018-19 में लागू की गयी। इस योजना के तहत छात्र-छात्राओं को एक हजार रुपए की आर्थिक सहायता तो दी ही जाती है साथ ही 15 किलो अनाज भी मुहैया कराया जा रहा है। राज्य के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के वैसे अभ्यर्थी, जो संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा एवं बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारम्भिक परीक्षा में पास करते हैं, उन्हें मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार की तैयारी हेतु मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना वर्ष 2018-19 में लागू की गयी। इस योजना के अन्तर्गत बिहार लोक सेवा आयोग, पटना द्वारा आयोजित संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर अभ्यर्थियों को आगे की तैयारी हेत एकमुश्त पचास हजार रुपए तथा संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर एकमुश्त एक लाख रुपये की राशि दी जाती है।

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