एकजुट रहेंगे तो आगे बढ़ेंगे – राधा कृष्ण किशोर
नवेंदु मिश्र
मेदिनीनगर – वित्त, वाणिज्यकर, योजना एवं विकास व संसदीय कार्य विभाग के मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि समाज के हर वर्ग आगे बढ़े। आर्थिक रूप से कमजोर आदिवासी, अल्पसंख्यक समाज का भी उत्थान हो। इसके लिए सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड में आदिवासी समाज का साक्षरता दर 52% है, जो राष्ट्रीय औसत से नीचे है। ऐसे में शिक्षा सभी के लिए आवश्यक है। शिक्षित होने से आदिवासियों के बच्चे विधानसभा एवं लोकसभा के सदस्य बनेगे। इससे गर्व की अनुभूति होगी। उन्होंने हर वर्ग-समुदाय के शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एकजुट रहेंगे, तो आगे बढ़ेंगे। माननीय मंत्री पलामू के दुबियाखांड़ में आयोजित दो दिवसीय राजकीय आदिवासी विकास महाकुंभ मेला के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। राजकीय आदिवासी विकास महाकुंभ मेला पलामू जिला प्रशासन व मेला आयोजन समिति के समन्वय से प्रतिवर्ष 11 एवं 12 फरवरी को आयोजित होता है। मेले में लगायें गये विभिन्न विभागों के स्टॉल के माध्यम से परिसंपत्तियों का वितरण किया गया।
उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से यह मेला पलामू प्रमंडल स्तर का होगा। इसमें तीनों जिले पलामू, लातेहार व गढ़वा जिले के आदिवासी समाज भाग लेंगे, इसके लिए सरकार के स्तर पर तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की अपनी संस्कृति है। इसे बचाकर रखने की आवश्यकता है। आदिवासियों की आत्मा नदियों के किनारे बसती है। मांदर की थाप पर बसती है। प्रकृति में बसती है। आदिवासी समाज प्रकृति के धरोहर हैं। यह समाज आगे बढे़ता, तो पूरा समाज समृद्धशाली बन सकेगा। आदिवासी समाज प्रकृति/वशुंधरा का खजाना है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से संपन्न व्यक्ति भी आदिवासी संस्कृति, रहन-सहन से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि महानगरों की स्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि महानगरों में रहने वाले लोग की स्वास्थ्य प्रतिकूल हो रहे हैं और हमलोग आज भी बहुत सुरक्षित वातावरण में रहते हैं। ऐसे में पुरानी परंपरा, जंगलों में रहने की प्रवृत्ति को मत छोड़ने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने मंईया सम्मान योजना के लाभ से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सम्मान राशि से महिलाएं अपनी जरूरतों को पूरा कर रहीं हैं। साथ-ही-साथ बच्चों को पढाई में खर्च कर उन्हें आगे बढ़ा रहीं हैं।
उन्होंने कहा कि राजा मेदिनीराय का पलामू किला पूरे पलामू प्रमंडल व राज्य के लोगों के लिए धरोहर है। इसका संपूर्ण विकास होगा। इसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। वहीं केचकी रिट्रीट, मलय डैम, आदिवासियों के क्षेत्र में पर्यटक स्टे होम का निर्माण कार्य की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दी है। इससे आदिवासी क्षेत्रों का विकास होगा। साथ ही रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि आदिवासी गांव में शिक्षा के स्तर, पशुपालन, पेयजल की दशा का आकलन किया जा रहा है। आदिवासी गांव में बैंक के द्वारा ऋण उपलब्ध कराये जाने की भी समीक्षा होगी।
अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के माननीय मंत्री ने चमरा लिंडा ने कहा कि समाज की बेहतरी व उत्थान के लिए शिक्षा आवश्यक है। विकास के लिए समाज को एकजुट रहना भी महत्वपूर्ण है। शिक्षा से समाज में जागरूकता आती है और विकसित समाज का सपना साकार होता है। सरकार आदिवासियों सहित समाज के हर वर्ग के उत्थान की दिशा में कार्य कर रही है । राजा मेदिनीराय ने विकसित समाज निर्माण का कार्य किया। एकजुटता पर बल दिया। आदिवासी समाज भी एकजुटता में कमी नहीं आने दें। एकता व दृढ़ता के साथ रहने से अधिकार खुद मिल जायेगा। समाज को आगे बढ़ाने की सोच रखनी होगी। उन्होंने कहा कि कलचर आदिवासियों की पहचान है। उन्हें यह विरासत में मिली है। इसे और आगे बढ़ाएं। उन्होंने मेदिनीराय की यादें एवं उनकी संस्कृति को वापस लाने की दिशा मेंं कार्य करने की बातें कही। उन्होंने सरकार की मंईयां सम्मान योजना के बारे में कहा कि इस योजना की राशि से महिलाओं को अपने बच्चों को शिक्षित करने में मदद मिल रही है। सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना निरंतर जारी रहेगी। उन्होंने बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर आगे बढ़ाने हेतु प्रेरित किया।
मनिका विधायक रामचंद्र सिंह ने मेला को और भव्यता प्रदान करने की बातें कही। उन्होंने कहा कि मेला राज्य स्तर पर हो, और इसके माध्यम से और अधिक लोगों को लाभान्वित किया जाए।
पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि दो दशकों से लगातार मेला का आयोजन होता है, जो चेरो राजवंश को याद दिलाता है। राजा मेदिनीराय की याद में आयोजित इस मेले में सरकार के विभागों के स्टॉल लगाये जाते हैं। योजनाओं से लोगों को लाभान्वित किया जाता है। मेला के माध्यम से योजना के बारे में जानकारी मिलती है। यहां मंईया सम्मान योजना संचालित है, जिसे दूसरे राज्य भी अपना रहे हैं। उन्होंने जल संग्रहण के दिशा में ध्यान आकृष्ट कराया। कहा कि पानी जो बहकर दूसरे राज्यों में चला जाता है, उसे संग्रहण करने की दिशा में सरकार कार्य कर रही है।
जिला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंंह ने कहा कि प्रतिवर्ष आयोजित इस मेले के लिए सरकार सजगता से कार्य करते रही है। पलामू जिला प्रशासन सक्रियता से इस मेला को सफल बनाने में जी-जान से मेहनत करते हैं। आयोजन समिति भी अपनी मेला के सफल संचालन में पूरे उत्साह के साथ कार्य करती है।
जिला प्रशासन व आयोजन समिति के समन्वय से लगता है मेला। इसके पूर्व मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष अर्जुन सिंह ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी विकास मेला का शुभारंभ 1990 में हुआ है। यह मेला राजा मेदिनीराय की याद में लगता है। यह मेला जिला प्रशासन एवं आयोजन समिति के समन्वय से लगते रहा है। उन्होंने राजा मेदिनीराय की यादों को ताजा करते हुए कहा कि मेला के माध्यम से प्रशासन एवं आमजनों का मिलना-जुलना होता है और योजनाओं से उन्हें लाभान्वित किया जाता है, उन्होंने कुछ मांगों को भी रखा।
सरना समाज पलामू की ओर से पारंपरिक वेश में स्वागत गान प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही पारंपरिक परिधान में पुरूष एवं महिलाओं ने गीत-संगीत प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने लोगों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में नगर आयुक्त जावेद हुसैन, वन प्रमंडल पदाधिकारी सत्यम कुमार, उप विकास आयुक्त शब्बीर अहमद, सदर अनुमंडल पदाधिकारी सुलोचना मीना आदि उपस्थित थे। मेला को सफल बनाने में जिला कल्याण-सह-जिला खेल पदाधिकारी सेवा राम साहु, नजारत उप समाहर्ता विक्रम आनंद, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नीता चौहान सहित जिले के अन्य वरीय पदाधिकारी एवं राजकीय आदिवासी विकास महाकुंभ मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष अर्जुन सिंह, हृदयानंद सिंह, उमेश सिंह, भर्दुल कुमार सिंह, अवधेश सिंह चेरो, रविन्द्र सिंह चेरो, हरेराम सिंह आदि सदस्य लगे हुए हैं।