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किशनगंज : फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को एमएमडीपी किट का किया गया वितरण

15 मरीजों को एमएमडीपी किट और यूडीआईडी सर्टिफिकेट वितरित, फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जागरूकता अभियान तेज, स्वास्थ्य विभाग की नियमित देखभाल व प्रबंधन पर विशेष जोर

किशनगंज,17जनवरी(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में किशनगंज जिले में स्वास्थ्य विभाग पूरी तत्परता से कार्यरत है। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार के निर्देशन में टेढ़ागाछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 15 फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रीवेंशन (एमएमडीपी) किट प्रदान की गई। इन किटों के साथ मरीजों को यूडीआईडी सर्टिफिकेट भी सौंपे गए। कार्यक्रम के दौरान मरीजों को ग्रसित अंगों की देखभाल के लिए डेटॉल साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, टब, मग, तौलिया और अन्य आवश्यक सामग्री किट के रूप में दी गई।

सिविल सर्जन ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मरीजों को न केवल बेहतर देखभाल बल्कि जागरूकता फैलाने का भी दायित्व निभाना होगा। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. मंजर आलम ने बताया कि फाइलेरिया का संपूर्ण इलाज संभव नहीं है, लेकिन इसकी जटिलताओं को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया के लक्षण जैसे पैरों की सूजन (हाथीपांव), हाइड्रोसील या महिलाओं के स्तनों में सूजन को समय रहते पहचानना और उचित देखभाल जरूरी है। मरीजों को अंगों की सफाई, एंटीसेप्टिक क्रीम के उपयोग, और चिकित्सकीय सलाह पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक परजीवी रोग है, जो मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। इस बीमारी के लक्षण शुरुआती दौर में दिखते नहीं हैं और संक्रमण के पांच से दस साल बाद लक्षण प्रकट होते हैं। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया मरीज को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित करता है, लेकिन जागरूकता और सही प्रबंधन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

जिलाधिकारी विशाल राज ने फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जागरूकता अभियान को और तेज करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं और जागरूकता समान रूप से पहुंचे। उन्होंने फाइलेरिया मरीजों के लिए चल रहे कार्यक्रमों की सराहना करते हुए इसे प्राथमिकता से लागू करने का निर्देश दिया।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार अविनाश रॉय ने बताया कि फाइलेरिया का मुख्य कारण मादा क्यूलेक्स मच्छर है। फाइलेरिया के लक्षणों में बुखार, खुजली, अंगों की सूजन और हाथीपांव जैसी समस्याएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित कर उनकी देखभाल सुनिश्चित कर रहा है।

स्वास्थ्य विभाग ने सभी फाइलेरिया ग्रसित मरीजों और उनके परिवारों से अपील की है कि वे इस बीमारी के प्रति जागरूक रहें और समय पर चिकित्सा सहायता लें। साथ ही अपने आसपास के लोगों को भी इस बीमारी से बचाव के लिए प्रेरित करें। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के इस समन्वित प्रयास से जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया गया है।

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