किशनगंज : गुरु शिष्य हस्तशिल्प 50 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ
महिलाओं के आजीविका के क्षेत्र में बेहद कारगर पहल
किशनगंज, 26 दिसंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, कपड़ा मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) के तहत सुजनी, कपड़ा (हाथ की कढ़ाई) में गुरु शिष्य हस्तशिल्प 50 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (जीएसएचपीपी) का आयोजन जन निर्माण केंद्र के प्रशिक्षण केंद्र में गुरुवार को शुभारंभ हो गया। जिसमें चयनित 30 आर्टिजन अनुसूचित वर्ग के महिलाओं ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण उदघाटन के अवसर पर नाबार्ड के डीडीएम, जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निर्देशक एवं बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष की उपस्थिति हुई। इस अवसर पर सहायक निर्देशक रवि शंकर तिवारी ने कहा कि महिलाओं के अनुकूल ये कार्य महिलाओं के आजीविका के क्षेत्र में बेहद कारगर पहल है। डीडीएम के कहा कि स्वाभाविक रूप से महिलाओं का यह कर स्वरोजगार के क्षेत्र में रचनात्मक पहल है। इस अवसर पर संस्था के सचिव राकेश कुमार सिंह ने सूजनी हैंड एंब्रॉयड्री के क्षेत्र में रचनात्मक पहल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिलाओं के सृजनात्मक पहल एवं बाजार की मांग के अनुरूप यह पहल बिहार प्रभावी कार्य है। पारंपरिक सुजनी कशीदाकारी में बादल, पक्षी, मछलियों को बनाया जाता था, लेकिन समय के साथ इसमें भी बदलाव हुआ है अब समकालीन समाजिक मुद्दों पर कलाकारी की जाती है। सुजनी (या सुजनी) बिहार में प्रचलित पारंपरिक कला और शिल्प के सबसे लोकप्रिय रूपों में से एक है। यह उस राज्य के ग्रामीण इलाकों में बनाई जाने वाली एक पारंपरिक रजाई है। इस कला को दूरदराज के गांवों में उन महिलाओं द्वारा संरक्षित किया गया है जो मुख्य रूप से घरेलू उपयोग के लिए बहुत ही सौंदर्य मूल्य के सामान तैयार करती हैं।