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किशनगंज : उर्दू भाषी विद्यार्थी का वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन

उर्दू हमारी दिनचर्या की भाषा में भी बहुत बड़े पैमाने पर लगातार इस्तेमाल हो रहा हैं। यह संस्कृति और सभ्यता को एक निश्चित दिशा प्रदान करती है इसमें हम लोगों की भी जिम्मेदारी बनती है कि हम इस भाषा को मूल स्वरूप दे और इसको ज्यादा से ज्यादा आगे लेकर जाएं

किशनगंज, 10 दिसंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, बिहार सरकार के उर्दू निर्देशालय के अंतर्गत उर्दू भाषी विद्यार्थी का वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन मंगलवार को डीआरडीए के कनकई सभागार में किया गया।जिसका विधिवत उद्घाटन जिलाधिकारी विशाल राज के द्वारा किया गया। आयोजन में डीएम विशाल राज के द्वारा बताया गया कि जिले में बहुत सारे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है यह एक बहुत अच्छा इनीशिएटिव है। इस तरह के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रहता है कार्यक्रम का जो भाषा है उसको हम सेलिब्रेट करें। उर्दू निश्चित रूप से हमारे देश की संस्कृति का एक अटूट हिस्सा है। उर्दू हमारी दिनचर्या की भाषा में भी बहुत बड़े पैमाने पर लगातार इस्तेमाल हो रहा हैं। यह संस्कृति और सभ्यता को एक निश्चित दिशा प्रदान करती है इसमें हम लोगों की भी जिम्मेदारी बनती है कि हम इस भाषा को मूल स्वरूप दे और इसको ज्यादा से ज्यादा आगे लेकर जाएं। जिलाधिकारी ने इसमें सभी बच्चों को बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया एवं बताया कि इससे कैसे व्यक्तित्व का विकास और विश्वास बढ़ेगा और खुद को आगे जाकर अपनी कमजोरी और ताकत को पहचानेंगे। उप विकास आयुक्त स्पर्श गुप्ता के द्वारा बताया गया कि आजकल बहुत सारी चीजों की प्रतियोगिता की जा रही है इसमें समझना होगा की पढ़ाई के साथ-साथ किन चीजों का क्या महत्व है और किस प्रकार हमारे विकास में मदद करता है। व्यक्तित्व के विकास में बहुत तरह के एक्टिविटी होती है इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लें। उर्दू भाषा के महत्व को उजागर करता है यही हमारे देश की खूबसूरती है की यहां पर विविधता में एकता है इसी से संबंधित यह कार्यक्रम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज रोजमर्रा के शब्द में बहुत ज्यादा शब्द उर्दू भाषा से लिए गए हैं। बहुत सारे इतिहासकार लेखक तथा साहित्यकार रहे हैं उन्होंने इसमें बहुत सारी रचनाओं का सृजन किया है जिससे हम लोगों की भाषा एवं साहित्य बहुत खूबसूरत हुई है इससे हम लोगों को सीखने और समझने की शक्ति प्रदान हुई है। हमारे जीवन की नई-नई सीख और उसमें हमें किस प्रकार आगे बढ़कर नए आयाम को हासिल करने में मदद करती है। भाषा के महत्व को समझने और जानने की आवश्यकता है और आप लोग आने वाले पीढ़ी है आपको देश के निर्माण में अहम रोल निभाना है। आयोजन में स्कूल के बच्चे, उर्दू भाषा के जानकार विद्यार्थी, मदरसा के बच्चे, ग्रेजुएशन के बच्चे एवं स्कूल के शिक्षक, प्रधानाध्यापक, शामिल थे।

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