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जद (यू0) प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि आज बिहार में अगर दलित और पिछड़ा समाज सिर उठाकर आत्मसम्मान से जीवन जी रहा है तो इसका श्रेय नीतीश कुमार को जाता है ।…

मुकेश कुमार/जातीय नरसंहार और दलितों पिछड़ों के खून से सामाजिक न्याय की खेती करनेवाले लोग जब आरक्षण पर मुँह खोलते हैं तो हैरत होती है। आजकल आरक्षण के झूठे हिमायती बने तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि 2001 में जब पंचायती चुनाव हुए तो लालू जी ने दलितों पिछड़ों को आरक्षण क्यों नहीं दिया। जबकि उस समय यह समाज लालू राज के नरसंहारों से बुरी तरह पीड़ित और मानसिक रूप से हताश था । यह नीतीश कुमार ही थे जिन्होंने 2006 में पंचायती राज व्यवस्था में इस वर्ग को आरक्षण दिया और अम्बेडकर के सपने को जमीन पर उतारा। बिहार का दलित पिछड़ा तबका यह जानता है कि नीतीश कुमार का मतलब रोजी रोजगार , सामाजिक सम्मान और राजनीतिक विकास की गारंटी है ।

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