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बाढ़ पीड़ितों को राहत के नाम पर केवल खानापूरी — जनता त्राहि-त्राहि कर रही है और सरकार महलों में सो रही है।

सोणू कुमार /पटना  ; राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बाढ़ पीड़ितों को राहत के नाम पर केवल खानापूरी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य के एक बड़े हिस्से में बाढ़ की तबाही झेल रही जनता त्राहि-त्राहि कर रही है और सरकार यहां पटना के वातानुकूलित महलों में सो रही है।राजद प्रवक्ता ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष द्वारा बाढ़ पीड़ितों की उपेक्षा का सवाल उठाए जाने के बाद मुख्यमंत्री जी को अपनी जिम्मेदारी का ख्याल आया और दो दिन हवाई सर्वेक्षण कर औपचारिकता पूरी कर दी। पर राज्य सरकार एक भी मंत्री कभी भी बाढ़ पीड़ितों के बीच कहीं नजर नहीं आए। पटना बैठकर केवल राजनीतिक बयानबाजी करने तक हीं सिमीत रहे।पीड़ित जनता को भाग्य-भरोसे छोड़ कर सरकार के पदाधिकारी भी अपने चैम्बर से बाहर नहीं निकले। बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच न सही ढंग से राहत सामग्री पहुंच रही है और न राहत-बचाव का सही ढंग से मोनिटरिंग हो रही है। सारी व्यवस्था स्थानीय निम्नवर्गीय कर्मचारियों पर छोड़ दिया गया है और उन्हें भी सीमित संसाधन हीं उपलब्ध कराए गए हैं जिसकी वजह से उन कर्मचारियों को बाढ़पीड़ितों के बीच भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि आज दरभंगा दौरे के बाद मुख्यमंत्री जी द्वारा बाढ़ पीड़ितों को 7-7 हजार रुपए देने की घोषणा की गई है। यह तो ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ वाली बात हो गई। जिस परिवार का सबकुछ बर्बाद हो गया है उन्हें इतनी कम राशि से क्या होगा।श्री गगन ने कहा कि ऐसे बाढ़ प्रभावित परिवारों की संख्या तीस लाख से ज्यादा है पर सरकार के आंकड़े के अनुसार हीं बाढ़ प्रभावित परिवारों की संख्या साढ़े सोलह लाख ( 16,50,000) है। और सरकार द्वारा मात्र अड़तालीस हजार ( 48,000) परिवारों को हीं सात-सात हजार रुपए देने की घोषणा की गई है। फिर बाकी 16,02000 परिवारों को इस लाभ से क्यों वंचित किया जा रहा है।राजद प्रवक्ता ने बताया कि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद जी एवं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जी के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के राजद कार्यकर्ता अपने-अपने स्तर से राहत कार्य चला रहे हैं और आवश्यक वस्तुओं का वितरण कर रहे हैं। पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ द्वारा भी चिकित्सा कैम्प लगाया जा रहा है।

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