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प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा लोक शिकायत के 24 मामलों की सुनवाई की गई एवं परिवादों का निवारण किया गया

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/लोक शिकायत के मामलों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण सुनिश्चित करने का आयुक्त ने दिया निदेश

लोक शिकायत निवारण के प्रति अरूचि एवं संवेदनहीनता प्रदर्शित करने, भ्रामक एवं अस्पष्ट प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के कारण एक लोक प्राधिकार से स्पष्टीकरण किया गया;

दस्तावेजों से छेड़छाड़ के दोषी कर्मियों एवं पदाधिकारियों के विरूद्ध कानूनी एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निदेश दिया गया

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम का सफल क्रियान्वयन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके प्रति सजग, सक्रिय एवं संवेदनशील रहेंः आयुक्त

आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत प्रथम अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। उन्होंने लोक शिकायत निवारण के प्रति अरूचि एवं संवेदनहीनता प्रदर्शित करने के आरोप में एक लोक प्राधिकार के विरुद्ध कार्रवाई की। एक अन्य मामले में दस्तावेजों से छेड़छाड़ के दोषी कर्मियों एवं पदाधिकारियों के विरूद्ध कानूनी एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निदेश दिया गया।

आयुक्त डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज लोक शिकायत के कुल 24 मामलों की सुनवाई की गई एवं निवारण किया गया। एक मामले में लापरवाही बरतने के कारण जिला सहकारिता पदाधिकारी, भोजपुर से स्पष्टीकरण किया गया। एक अन्य मामले में पटना जिला निबंधन अभिलेखागार के दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में दोषी कर्मियों एवं पदाधिकारियों के विरूद्ध कानूनी एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निदेश दिया गया।

दरअसल अपीलार्थी श्री विवेक कुमार, जिला भोजपुर द्वारा खोपीरा पैक्स में एक ही वर्ष में एक ही परिवार के अनेक लोगों के नाम से फर्जी धान क्रय करने एवं वास्तविक कृषकों द्वारा धान क्रय हेतु ऑनलाईन आवेदन करने बावजूद धान नहीं खरीदने के बारे में प्रथम अपीलीय प्राधिकार-सह-आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना के समक्ष परिवाद दायर किया गया है। आयुक्त ने सुनवाई में पाया कि इस मामले में लोक प्राधिकार जिला सहकारिता पदाधिकारी, भोजपुर द्वारा कोई ईमानदार एवं सार्थक प्रयास नहीं किया गया है। उन्हें विगत सुनवाई में परिवाद पर जाँच करते हुए नियमानुसार कार्रवाई करने का निदेश दिया गया था। परन्तु उन्होंने भ्रामक एवं अस्पष्ट प्रतिवेदन अपने स्तर से उपलब्ध कराते हुए खानापूर्ति की। उन्हें जिला पदाधिकारी, भोजपुर के माध्यम से प्रतिवेदन देने का निदेश दिया गया था परन्तु उन्होंने इसका अनुपालन नहीं किया। आयुक्त द्वारा इसके कारण जिला सहकारिता पदाधिकारी, भोजपुर से स्पष्टीकरण किया गया। साथ ही जिला पदाधिकारी, भोजपुर को दायर परिवाद के आलोक में कार्रवाई की स्वयं समीक्षा करते हुए सुनवाई की अगली तिथि 21.06.2025 के पूर्व मंतव्य के साथ प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया।

एक अन्य मामले में अपीलार्थी श्री अभिनय कुमार, जिला पटना द्वारा जिला निबंधन कार्यालय के अभिलेखागार में दस्तावेजों से फर्जीवाड़ा करने के विरूद्ध प्रथम अपीलीय प्राधिकार-सह-आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना के समक्ष परिवाद दायर किया गया है। आयुक्त ने कहा कि जाँचोपरांत यह मामला सही पाया गया है। अभिलेखागार में दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर किसी अन्य व्यक्ति के डीड की कॉपी लगा दी गई थी। आयुक्त द्वारा जाँच में प्रमाणित आरोपों के आलोक में फर्जीवाड़ा करने के दोषी कर्मियों एवं पदाधिकारियों के विरूद्ध वैधानिक एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निदेश दिया गया।

आयुक्त ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। जनता की शिकायतों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। सभी पदाधिकारी सजग रहें। लोक प्राधिकारों को संवेदनशीलता एवं तत्परता प्रदर्शित करनी होगी। कार्य के प्रति लापरवाही, लोक शिकायत निवारण के प्रति अरूचि एवं जनहित के मामलों में संवेदनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

 

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