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पटना:-डीएम द्वारा लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के 18 मामलों की सुनवाई की गई

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/कार्यों में शिथिलता तथा लोक शिकायत निवारण में अरूचि एवं संवेदनहीनता के आरोप में एक लोक प्राधिकार के विरूद्ध कार्रवाई की गई

अंचल अधिकारी, दानापुर के विरूद्ध 5,000/-रूपया का दंड एवं स्पष्टीकरण किया गया

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहेंः डीएम

जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में तथा बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 के तहत प्रथम अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में एक लोक प्राधिकार के विरूद्ध कार्रवाई की गई।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के कुल 18 मामलों की सुनवाई की गई। 15 मामलों का ऑन द स्पॉट निवारण किया गया तथा 03 मामलों में अंतरिम आदेश पारित किया गया। कार्यों में शिथिलता तथा जनहित के मामलों में संवेदनहीनता के आरोप में लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, दानापुर के विरूद्ध 5,000/-रूपया का अर्थदंड लगाते हुए स्पष्टीकरण किया गया।

दरअसल अपीलार्थी श्रीमती रीना सिन्हा, पता-सीडीए कॉलोनी, शास्त्री नगर, अंचल-पटना सदर, अनुमंडल-पटना सदर, जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया है। अपीलार्थी की शिकायत छूटे हुए जमाबंदी को ऑनलाइन करने केे संबंध में है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि अंचल अधिकारी, दानापुर द्वारा इस मामले में कोई सकारात्मक, सार्थक एवं ईमानदार प्रयास नहीं किया जा रहा है। उनका प्रतिवेदन भी भ्रामक, अस्पष्ट एवं असंतोषजनक है। उन्होंने अपने प्रतिवेदन में भूमि का रकबा और चौहद्दी ही गलत अंकित कर दिया है। परिवादी द्वारा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, दानापुर के समक्ष दिनांक 30.03.2024 को ही परिवाद दायर किया गया था। लगभग छः महीना की अवधि में भी परिवाद अंचल अधिकारी, दानापुर के स्तर पर ही लंबित है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है। लोक प्राधिकार का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। उनकी इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का इतने दिनों में भी समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि यह उनकी स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। भ्रामक एवं अस्पष्ट प्रतिवेदन देने, लोक शिकायत के मामलों में असंवेदनशीलता प्रदर्शित करने तथा शिकायत निवारण में विलंब के कारण जिलाधिकारी द्वारा लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, दानापुर के विरूद्ध 5,000/-रूपया का अर्थदंड लगाते हुए उनसे कारण-पृच्छा की गई। साथ ही उन्हें निदेशित किया गया कि सुनवाई की अगली तिथि 25.10.2024 से पूर्व परिवाद का नियमानुसार निवारण करते हुए कृत कार्रवाई प्रतिवेदन के साथ सुनवाई में उपस्थित रहेंगे।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों एवं सेवा शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें।

 

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