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लोक आस्था का महापर्व चैती छठ गुरुवार को उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ शांतिपूर्ण वातावरण में हुआ संपन्न, वहीं किशनगंज में छठ व्रती नदी में मौजूद गंदे पानी में पूजा करने को मजबूर…

किशनगंज/पूर्णियां लोक आस्था का महापर्व चैती छठ गुरुवार को उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न हो गया।गुरुवार कि अहेले सुबह से ही घाटों पर श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था।भगवान भास्कर की लालिमा दिखते ही व्रतियों के हाथों में सूप-डलिया देकर दूध व जल से अ‌र्घ्य देने का सिलसिला शुरू हो गया।अ‌र्घ्य देने के लिए महिला-पुरूष, बूढ़े, बच्चे और युवक-युवतियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।इधर, गुरुवार की शाम से शुक्रवार की अल सुबह तक घाटों पर रंग-बिरंगे रोशनी से झगमगा रहे थे।सार्वजानिक छठ घाट महावीर चौक, छठ घाट शांति नगर, मदारघाट, गोशाला पोखर, मोहनी घाट, मलहरिया घाट, देवघाट खगड़ा, धोबी पट्टी डे मार्केट समेत दर्जनों तलाबों व नहरों की साज-सज्जा देखने लायक थी।घर-घर बज रही छठी मैया की गीत ने माहौल में चार चांद लगा रहा।वहीं किशनगंज जिले में आस्था के महापर्व चैती छठ के मौके पर भी जिला प्रशासन ने छठ घाटों में सफाई का काम नहीं करवाया है ऐसे मे छठ व्रती नदी में मौजूद गंदे पानी में पूजा करने को मजबूर हैं नाली के पानी पर छठ मनाने को मजबूर हैं।जिले से गुजरने वाली रमजान नदी प्रशासनिक लापरवाही के चलते अपना अस्तित्वखो चुकी है।वहीं, इस नदी में अब सिर्फ और सिर्फ नाले का पानी नजर आता है।विडंबना देखिए इस महत्वपूर्ण पर्व को मनाने के लिए श्रद्धालुओं को इसी नाली के पानी का ही आश्रा लेना पड़ रहा है।नगरपरिषद ने नदी में किसी तरह की कोई भी साफ सफाई नहीं की है।वहीं, इस जहरीला हो चुका नदी के पानी में लोग मजबूरन पूजा कर रहे हैं।सवाल यहां यही उठता है कि लोगों को अगर इस पानी से बीमारी/इंफेक्शन होता है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।सूबे के मुखिया या नगर परिषद अधिकारी…? आपकोमालूम हो कि जिले की लाइफ लाइन मानी जाने वाले हिंदू और मुस्लिम समुदाय की एकता का प्रतीक रमजान नदी का अस्तित्व इन दिनों खतरे में दिखाई दे रहा है।दरअसल, भू-माफियाओं की नजर नदी की कीमती जमीन पर है।एक साजिश के तहत नदी धारा प्रवाह के मोड़ को बदल कर भू-माफियाओं ने नदी के जमीन पर कब्जा जमा लिया है।रमजान नदी अब नाली में तब्दील हो गई है।आपको मालूम हो कि शहर के घरेलू कपड़े और सदर अस्पताल के गंदे चादर सहित होटल व व्यवसायी प्रतिष्ठानों के चादर आदि की रोजाना धुलाई होती है।जिससे पानी और घातक होता जा रहा है। इस बार इसी पानी में छठ व्रतीयो ने अर्घ्य दिया।

रिपोर्ट-धर्मेंद्र सिंह

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